दुमका कांड: नाबालिग थी जला कर मारी गई लड़की, आरोपियों पर लगेगा POCSO
क्या है खबर?
झारखंड के दुमका में एक सिरफिरे "आशिक" का शिकार हुई युवती की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है।
पहले पीड़िता की उम्र 19 साल बताई गई थी, लेकिन अब बाल कल्याण समिति ने कहा है कि वह नाबालिग थी और उसकी उम्र 15 साल थी।
यह खुलासा होने के बाद समिति ने आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून की धाराएं भी लगाने को कहा है।
बयान
पुलिस ने पहले 19 साल बताई थी पीड़िता की उम्र
दुमका के जनसंपर्क कार्यालय ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, "झारखंड बाल कल्याण समिति ने पुलिस अधीक्षक (SP) से मामले में POCSO कानून की धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है। समिति ने पाया कि मृतका की उम्र 15 साल थी, न की 19 साल जैसा कि पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में बताया था।"
POCSO एक बेहद कठोर कानून है और इसमें जमानत तक बहुत मुश्किल से मिलती है।
नाबालिग
पीड़िता के पिता ने भी की बेटी के नाबालिग होने की पुष्टि
पीड़िता के पिता ने भी उसके नाबालिग होने की पुष्टि की है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरी बेटी की उम्र 16 साल थी। जब वो बयान दे रही थी तो पुलिस ने उसकी उम्र गलत सुन ली होगी क्योंकि वह जलने के कारण अच्छी स्थिति में नहीं थी। उम्र को ठीक करने के लिए पुलिस उसका आधार कार्ड और कक्षा 10 का सर्टिफिकेट लेकर गई है।"
पृष्ठभूमि
क्या है दुमका कांड?
दुमका में 23 अगस्त को शाहरुख नाम के आरोपी ने अपने घर पर सो रही पीड़िता पर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग लगा दी थी।
आरोपी ने पीड़िता को फोन कर उसका दोस्त बनने और उससे बात करने को कहा था, लेकिन जब पीड़िता ने इससे इनकार कर दिया तो उसने उसे जला दिया।
हमले में पीड़िता 90 प्रतिशत जल गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कार्रवाई
मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
मामले में शाहरुख और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार किया गया है। दोस्त ने उसे वारदात को अंजाम देने के लिए पेट्रोल मुहैया कराई थी।
आरोपी और पीड़िता के दो अलग-अलग समुदाय से होने के कारण मामला राजनीतिक गलियारों में भी छाया हुआ है और दक्षिणपंथी संगठनों ने लव जिहाद का आरोप लगाया है।
भाजपा ने मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधा है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अन्य विधायकों के साथ पिकनिक मनाने पर सवाल खड़े किए हैं।