#NewsBytesExplainer: संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों की नई ड्रेस को लेकर छिड़ा विवाद क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा 18 से 22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के कारणों पर अटकलों का बाजार गर्म है। इस बीच संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों के नए ड्रेस कोड को लेकर नया विवाद छिड़ गया है। संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों की नई ड्रेस में कमल के डिजाइन का प्रयोग हुआ है, जिसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है। आइए जानते हैं कि यह पूरा विवाद क्या है।
कर्मचारियों की ड्रेस में क्या बदलाव हुआ है?
संसद के दोनों सदनों में मार्शलों की ड्रेस में बदलाव किया गया है। लोकसभा और राज्यसभा के मार्शल मणिपुरी पगड़ी पहनेंगे। इसके अलावा संसद भवन के सुरक्षाकर्मियों की ड्रेस भी बदली जाएगी। उन्हें सफारी सूट की जगह सेना की तरह कैमोफ्लॉज ड्रेस पहननी होगी। इसके अलावा संसद के पुरुष अटेंडेंट्स के लिए सफेद रंग की शर्ट और नेहरू जैकेट है, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी और गुलाबी रंग का कोट है।
कमल का फूल किसकी ड्रेस पर होगा?
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, पुरुष अधिकारी पारंपरिक बंदगला सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे। उनकी शर्ट कमल के फूल के डिजाइन के साथ गहरे गुलाबी रंग की होगी, जबकि पैंट खाकी रंग की होगी। महिला अधिकारियों को गुलाबी रंग की साड़ी के साथ कमल के फूल के डिजाइन वाला कोट पहनना होगा। संसद के कर्मचारियों की नई ड्रेस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) द्वारा डिजाइन की गई है।
क्यों और कैसे किया गया है बदलाव?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नई ड्रेस के जरिए संसद के कर्मचारियों की ड्रेस को भारतीय परिदृश्य प्रदान करने की कोशिश की गई है। नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होने पर यह बदलाव अपने आप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश के सभी 18 NIFT से नए डिज़ाइन के लिए सुझाव मांगे गए थे, जिसके बाद एक विशेषज्ञ समिति ने सुझावों पर गौर किया और फिर नई ड्रेस पर मुहर लगाई।
किस पर लागू होगा नया ड्रेस कोड?
संसद का नया ड्रेस कोड सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होगा। इनमें चैंबर अटेंडेंट, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर और मार्शल समेत सभी कर्मचारी शामिल हैं। संसद सचिवालय की सभी 5 प्रमुख शाखाओं यानी रिपोर्टिंग, टेबल कार्यालय, नोटिस कार्यालय, विधायी शाखा और सुरक्षा विभाग में तैनात सभी अधिकारी भी इस सत्र में नई ड्रेस पहने हुए दिखाई देंगे। यह पहला मौका है जब इतने बड़े स्तर पर एक साथ ड्रेस कोड में बदलाव हुआ है।
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया?
कांग्रेस ने संसद के स्टाफ की नई ड्रेस को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिकम टैगोर ने कहा, "ड्रेस पर कमल ही क्यों बनाया गया है, मोर या बाघ क्यों नहीं? क्योंकि ये दोनों भाजपा के चुनाव चिह्न नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "ड्रेस पर कमल बनाना बचकानापन है। उन्होंने G-20 शिखर सम्मेलन के लोगो में भी ऐसा किया था। संसद सभी के लिए है और भाजपा इसे अपने लिए इस्तेमाल कर रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर को पुराने संसद भवन में शुरू होगा और एक दिन बाद गणेश चतुर्थी के अवसर पर नए संसद भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 31 जुलाई को ट्विटर (एक्स) पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की थी। हालांकि, विशेष सत्र के एजेंडे को अभी तक गुप्त रखा गया है, जिसके कारण विपक्ष सरकार पर हमलावर है।