लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ समेत कई गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार दिल्ली पुलिस ने कई गैंगस्टरों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। आमतौर पर यह कानून आतंकियों और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले तत्वों के खिलाफ इस्तेमाल होता है।
गृह मंत्रालय से गैंगस्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश मिलने के बाद अब दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के साथ मिलकर काम कर रही है।
आइये यह खबर विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
मूसेवाला की हत्या के आरोपियों के खिलाफ भी UAPA
जिन गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज हुआ है, इनमें सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़, उनकी विरोधी गैंग के देवेंद्र बंबीहा, कौशल चौधरी, नीरज बवाना, सुनील ऊर्फ टिल्लू तेजपुरिया, दिलप्रीत, सुखप्रीत और फरार आतंकी हरविंद्र रिंदा शामिल हैं।
पुलिस को सूचना मिली थी इन दोनों गैंग के लोगों को दिल्ली और दूसरे स्थानों पर लक्षित हत्याएं करने के लिए विदेशों से हथियार मिल रहे हैं।
FIR
दो FIR हुईं दर्ज
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने इन गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA के सेक्शन 18 (साजिश की सजा), 18-B (किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को आतंकी कृत्य के लिए भर्ती करना) और 20 (आतंकी संगठन या गैंग का सदस्य होने की सजा) के तहत दो FIR दर्ज की हैं।
स्पेशल सेल की दो अलग-अलग यूनिट ने ये FIR दर्ज की हैं और दो ACP रैंक के अधिकारी इन मामलों की जांच कर रहे हैं।
जानकारी
पहली FIR में लॉरेंस बिश्नोई का नाम
पहली FIR सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर दर्ज की गई है।
इसमें जानकारी दी गई है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसकी गैंग में शामिल गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़, काला जेठाड़ी, जसदीप सिंह, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई और लखबीर सिंह लांडा भारत की अलग-अलग जेलों से और कनाडा, दुबई और पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। ये लोग विदेशों से महंगे और आधुनिक हथियार खरीदकर लक्षित हत्याओं को अंजाम देते हैं।
जानकारी
दूसरी FIR में देवेंद्र बंबीहा गैंग का नाम
दूसरी FIR में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की विरोधी गैंग का नाम है और इसमें आरोपियों के तौर पर अर्मेनिया में रह रहे गौरव पड़ियाल, अमित डागर, कौशल चौधरी, गुरविंदर, भूपी राणा, नीरज बवाना और टिल्लू तेजपुरिया आदि के नाम शामिल हैं।
2016 में देवेंद्र बंबीहा की मौत के बाद से गौरव पड़ियाल इस गैंग की कमान संभाले हुए हैं। इस गैंग पर पिछले साल अगस्त में युवा अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह मिद्दूखेड़ा की हत्या का आरोप है।
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अब दिल्ली पुलिस क्या करेगी?
FIR में नामित आरोपियों में से कई जमानत पर बाहर हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ट्रांजिट रिमांड लेकर इन्हें दोबारा गिरफ्तार करेगी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही गैंग कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं में शामिल रह चुकी हैं।
UAPA
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम सबसे पहले 1967 में लाया गया था और 2019 में इसमें संशोधन कर इसे और कठोर बना दिया गया है।
इसके तहत अब सिर्फ संस्थाओं को ही नहीं बल्कि लोगों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। खास बात यह भी है कि इसके लिए उसका किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है।
इसके तहत व्यक्ति को 90 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है।