
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान, जानिए क्या खुलेगा और बंद रहेगा
क्या है खबर?
केंद्र सरकार की कॉरपोरेट समर्थक और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच ने बुधवार (9 जुलाई) को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। यूनियनों को उम्मीद है कि इसमें देश भर के औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों के लगभग 25 करोड़ कर्मचारी भाग लेंगे। कृषि क्षेत्र के किसानों और मजदूरों के भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की उम्मीद है। आइए जानते हैं बंद के दौरान क्या खुलेगा और बंद रहेगा।
बैंक
क्या 'भारत बंद' के दौरान बैंक खुलेंगे?
'भारत बंद' के कारण बैंकों के बंद होने की कोई औपचारिक सूचना अभी तक नहीं आई है। बैंकिंग यूनियनों ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि उनकी सेवाएं बाधित होंगी या नहीं। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, बंद का आह्वान करने वाली यूनियनों का दावा है कि हड़ताल से वित्तीय सेवाएं भी प्रभावित होंगी, क्योंकि इसमें निजी और सहकारी बैंकिंग दोनों क्षेत्रों के कर्मचारी शामिल हैं। कई क्षेत्रों में चेक क्लीयरेंस और ग्राहक सेवा जैसी सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
शिक्षा
स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों पर क्या होगा असर?
'भारत बंद' के दौरान स्कूल और कॉलेज दोनों ही शैक्षणिक संस्थान खुले रहने की उम्मीद है। यही बात सरकारी कार्यालयों पर भी लागू होती है। हालांकि, बंद से सार्वजनिक बस सेवा और ऐप-आधारित कैब सहित अन्य परिवहन व्यवस्था पर काफी असर पड़ने की उम्मीद है। प्रदर्शनकारी सार्वजनिक परिवहन को बाधित कर सकते हैं। ऐसे में स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों से आना-जाना परेशानी भरा हो सकता है। इसी तरह सामान्य यात्रा में भी परेशानी हो सकती है।
संचालन
अस्पताल और आपातकालीन सेवाएं रहेंगी चालू
'भारत बंद' से अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को दूर रखा गया है। ऐसे में देशभर के सभी अस्पताल और मेडिकल की दुकानें खुली रहेंगी। इसी तरह आपातकालीन देखभाल प्रदान करने के लिए एम्बुलेंस सेवाएं और आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए दमकल सेवाएं भी सुचारू रहेंगी। इसी प्रकार बाजारों में निजी दुकानें और कंपनियों कार्यालय उनके विवेक पर आधारित होंगे। इसको लेकर यूनियनों ने कोई चेतावनी या संदेश जारी नहीं किया है।
यूनियन
'भारत बंद' शामिल केंद्रीय ट्रेड यूनियन
इस 'भारत बंद' में भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), अखिल भारतीय संयुक्त ट्रेड यूनियन केंद्र (AIUTUC), अखिल भारतीय केंद्रीय ट्रेड यूनियन परिषद (AICCTU), भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (CITU), हिंद मजदूर सभा (HMS), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF), स्वरोजगार महिला एसोसिएशन, ट्रेड यूनियन समन्वय केंद्र (TUCC) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) शामिल हैं। इसी तरह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और कृषि श्रमिक यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने भी इस बंद का समर्थन किया है।
विरोध
सरकार की नीतियों के खिलाफ हैं कर्मचारी
पिछले साल ट्रेड यूनियनों ने श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को 17 मांगों का चार्टर सौंपा था, जिसकी मांगों को सरकार ने नजरअंदाज किया है। यूनियन ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार के श्रम सुधार में 4 नए श्रम कोड शामिल हैं, जो श्रमिकों के अधिकारों को खत्म करने के लिए बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य श्रमिक सौदेबाजी को खत्म करना, यूनियन को कमजोर करना, काम के घंटे बढ़ाना और नियोक्ताओं को श्रम कानूनों के तहत जवाबदेही से बचाना है।