सरकार की किसानों को सौगात: फसल बीमा योजना का बजट बढ़ा, खाद पर मिलेगी अतिरिक्त सब्सिडी
क्या है खबर?
साल के पहले दिन केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
सरकार ने एक बयान में कहा कि इस फैसले से 2025-26 तक देशभर के किसानों के लिए गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी।
सब्सिडी
खाद पर मिलेगी अतिरिक्त सब्सिडी
किसानों को DAP खाद पर अब अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी। किसानों को DAP 1,350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम के हिसाब से मिलती रहेगी। जो अतिरिक्त खर्च आएगा, उसको सरकार वहन करेगी।
बैठक में DAP उर्वरक पर सब्सिडी के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक का एकमुश्त विशेष पैकेज को भी स्वीकृति दी गई है।
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में DAP की कीमतों में उतार-चढ़ाव है। इस फैसले से उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर नहीं पड़ेगा।
बयान
फैसलों को लेकर क्या बोले मंत्री अश्विनी वैष्णव?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "बैठक प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को समर्पित की है। सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर फैसला किया गया है। इस योजना का बजट बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये किया गया है। यह योजना कुल प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। बैठक में नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) का सृजन कर 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।"
बदलाव
फसल बीमा योजना में ये बदलाव भी हुआ
वैष्णव ने कहा, "नए फैसले में फसल जीवन चक्र के दौरान खेत स्तर और क्षेत्र स्तर पर नुकसान को कवर किया गया है। पहले तहसील या बड़े क्षेत्र में नुकसान होने पर ही मुआवजा दिया जाता था, जिससे कई किसान मुआवजे से वंचित रह जाते थे। स्थानीय स्तर पर कवरेज क्षेत्र के दायरे में सुधार से अब मुआवजा मिलने में आसानी होगी।"
योजना में प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों से होने वाले नुकसान को भी कवर किया गया है।
मौसम सूचना
मौसम सूचना तंत्र भी विकसित होगा
मंत्रिमंडल ने मौसम सूचना से जुड़ी योजनाओं को भी मंजूरी दी है।
मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS) में ब्लॉक स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम (AWS) और पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक रेन गेज (ARG) स्थापित किए जाएंगे।
केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड और राजस्थान में WINDS को लागू किया जा रहा है। बाकी राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा।
YES-TECH जैसी योजनाओं के लिए भी फंड जारी किया गया है।