दिल्ली में इस बार भी दिवाली पर नहीं चलेंगे पटाखे, 1 जनवरी तक रहेगा प्रतिबंध
क्या है खबर?
दिल्ली में इस दिवाली भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शहर के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शहर में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा।
पटाखों पर ये प्रतिबंध 1 जनवरी, 2023 तक लागू रहेगा, यानि नए साल का जश्न भी इसकी जद में आएगा।
बयान
लोगों की जिंदगी बचाने के लिए लगाया गया प्रतिबंध- राय
राय ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए पटाखों पर ये प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
प्रतिबंध
दिल्ली में तीन साल से लगाया जा रहा है पटाखों पर प्रतिबंध
बता दें कि पटाखों के इस्तेमाल के कारण होने वाले प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में पिछले तीन साल से दिवाली के मौके पर पटाखों पर पाबंदी लगाई जा रही है।
पिछले साल ये प्रतिबंध 28 सितंबर से 1 जनवरी तक लागू रहा था और नए साल पर भी पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहा था।
इससे पहले 2020 में 9 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर प्रतिबंध रहा था। ये प्रतिबंध राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने लगाया था।
प्रतिबंध का उल्लंघन
प्रतिबंध के बावजूद जमकर पटाखे चलाते हैं लोग, जहरीली हो जाती है हवा
प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में लोग जमकर पटाखे चलाते हैं और इसके कारण शहर की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि ये सांस लेने लायक नहीं रहती।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से ये समस्या और बढ़ जाती है और ये दोनों चीजें सर्द मौसम के साथ मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीली बना देती हैं।
लगभग हर साल यही स्थिति होती है और शहर के ऊपर कोहरे जैसी प्रदूषण की एक धुंध छा जाती है।
पिछला रिकॉर्ड
पिछले साल दिवाली के बाद क्या रही थी स्थिति?
पिछले साल की बात करें तो दिवाली के अगले दिन दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 460 से ऊपर रहा था जो खतरनाक श्रेणी में आता है।
इसी तरह हवा में खतरनाक PM2.5 प्रदूषकों की मात्रा 1,553 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई थी, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इसकी सुरक्षित मात्रा 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है।
इतने प्रदूषण के कारण शहर के स्कूल कई दिन तक बंद रहे थे।
दिल्ली में प्रदूषण
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है दिल्ली
गौरतलब है कि पिछले महीने जारी की गई स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था।
प्रदूषण के कारण मौतों की सूची में भी वह छठवें स्थान पर रहा और यहां प्रति लाख आबादी पर 106 मौतें हुईं। 2019 में दिल्ली में प्रदूषण के कारण कुल 29,900 मौतें हुईं।
इससे पहले IQAir की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया गया था।