कोरोना वायरस: समय पर लॉकडाउन नहीं करते तो 78,000 लोगों की जान चली जाती- सरकार
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस से प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
विपक्ष कह रहा है कि सरकार ने बिना किसी योजना के लॉकडाउन लागू कर दिया तो कोई कह रहा है कि लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था धराशाही हो गई।
इन सबके बीच सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यदि समय पर लॉकडाउन नहीं करते तो देश में 78,000 लोगों की जान चली जाती।
बयान
समय पर लॉकडाउन करने से संक्रमण से बच गए लाखों लोग
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के एक वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि यदि समय पर लॉकडाउन नहीं किया जाता तो पहले दो लॉकडाउन के समय ही देश में अब तक संक्रमितों की संख्या 14 से 29 लाख तक पहुंच जाती और 37,000 से 78,000 लोगों की मौत हो जाती।
उन्होंने कहा कि कई अध्ययनों के अनुसार देश में समय पर लॉकडाउन लागू करने से भारत, अमेरिका, इटली, फ्रांस जैसे देशों की हालत में पहुंचने से बच गया।
अध्ययन
विभिन्न अध्ययनों में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के मॉडल के अनुसार लॉकडाउन लागू करने से देश में 1.2 से 2.1 लाख लोगों की जान बची, जबकि संक्रमितों की संख्या को 36-70 लाख पहुंचने से बचाया गया है।
इसी तरह पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अनुसार लॉकडाउन के कारण करीब 78,000 लोगों की जान बचाई गई है और करीब 28 लाख लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।
अन्य मॉडल
स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों ने यह किया आंकलन
डॉ पॉल ने दो स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों के एक मॉडल का हवाला देते बताया कि लॉकडाउन के कारण लगभग 23 लाख लोगों को संक्रमण से बचाया गया, जबकि 68,000 लोगों की जान बच गई।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार करीब 15.9 लाख लोगों को संक्रमण से बचाया गया है और करीब 51,000 लोगों को मौत के मुंह में जाने से रोक लिया गया।
इसी तरह MoSPI के अध्ययन में 54,000 लोगों की जान बची है।
संक्रमण
पांच राज्यों में हैं देश के 80 प्रतिशत संक्रमित
डॉ पॉल ने कहा कि 3 अप्रैल के बाद कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है।
कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में हैं, जबकि 5 शहरों में 60 प्रतिशत तक मामले हैं।
इसके अलावा देश में कोरोना के कुल मामलों में से 90 फीसदी 10 राज्यों तक सीमित है।
इनमें से भी 70 फीसदी 10 शहरों तक ही है। उन्होंने कहा कि अब लोगों को सतर्क रहना होगा।
जानकारी
देश में लगातार घर रही है कोरोना से होने वाली मृत्यु दर
डॉ पॉल ने कहा कि देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 फीसदी हो चुकी है। इसी तरह संक्रमण के दोहरीकरण की दर भी लॉकडाउन की शुरुआत के समय की 3.4 दिन से बढ़कर 13.3 दिन पर आ गई है।
टेस्टिंग
27.50 लाख लोगों की जा चुकी है जांच
डॉ पॉल ने बताया कि देश में शुक्रवार दोपहर एक बजे तक देश में 27 लाख 55 हजार 714 लोगों की जांच की जा चुकी है।
इनमें से 85,442 जांच सरकारी लैब और 18,287 जांच निजी लैब में की गई है। देश में शुक्रवार को चौथी बार एक लाख से अधिक लोगों की जांच की गई है।
देश में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 19 मई तक एक करोड़ उपचार पूरे हो गए हैं।
जानकारी
देश में शुरू हुआ जांच किटों का उत्पादन
डॉ पॉल ने बताया कि देश में जांच किट का निर्माण शुरू हो गया है। आगामी 6-8 सप्ताह में प्रतिदिन पांच लाख किट तैयार की जाएगी। इसी तरह 4-6 वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में काम कर रहे हैं।
संक्रमण
देश में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
देश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना वायरस के 6,088 नए मरीज मिले, जो अब तक एक दिन में सबसे अधिक है।
इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 1,18,447 हो गई है। इसके अलावा पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 148 मरीजों ने दम तोड़ा और मरने वाले मरीजों की संख्या 3,583 हो गई है। सक्रिय मामलों की संख्या 66,330 है।