अरुणाचल प्रदेश: घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स का एक जवान शहीद, एक घायल
अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में म्यांमार सीमा के पास उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स का एक जवान शहीद हो गया है। रविवार सुबह लगभग 10 बजे हुए इस हमले में एक अन्य जवान के घायल होने की खबर है। यह हमला राजधानी ईटानगर से लगभग 300 किलोमीटर चांगलांग जिले के जयरामपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले तेंगमो गांव में हुआ। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
उग्रवाद रोधी अभियान तेज किए गए- SP
NDTV से बात करते हुए चांगलांग के पुलिस अधीक्षक ने बताया, "रविवार सुबह यह हमला हुआ था। इसमें एक जवान शहीद हो गया और दूसरे को चोट आई है। इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और हमने उग्रवाद रोधी अभियानों को भी तेज कर दिया है।" इस इलाके में पिछले कुछ समय से ऐसे हमलों में कमी देखी जा रही थी, लेकिन रविवार की घटना ने उस क्रम को तोड़ दिया है।
हमले के पीछे हो सकता है इन समूहों का हाथ
सेना के खुफिया सूत्रों के अनुसार इस हमले के पीछे परेश बरुआ के नेतृत्व वाला स्वतंत्र समूह और NSCN (खापलांग) के कैडर का हाथ है। इनके साथ काम करने वाले लोगों ने घात लगाकर इस हमले को अंजाम दिया है। इस इलाके में NSCN (IM) के अलावा ये दोनों धड़े सक्रिय हैं। कुछ महीने पहले ही सुरक्षाबलों ने म्यांमार सीमा पर स्थित लोंगडिंग जिले में हुई एक मुठभेड़ में NSCN (IM) के छह उग्रवादियों को मार गिराया था।
पानी का टैंकर ले जा रहे जवानों का बनाया निशाना
जानकारी के अनुसार, उग्रवादियों ने पानी का टैंकर ले जा रहे असम राइफल्स के जवानों को निशाना बनाया। जब उन्होंने देखा कि टैंकर उनकी रेंज में आ गया है तो उन्होंने ऑटोमैटिक हथियारों से उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
चांगलांग समेत इन जिलों में लंबे समय से लागू है AFSPA
अरुणाचल प्रदेश के तिराप, लोंगोडिंग और चांगलांग, तीन ऐसे जिले हैं जहां लंबे समय से AFSPA लागू है। इसके तहत सुरक्षाबलों को कई विशेष अधिकार मिले हुए हैं। सुरक्षाबलों को यहां चेतावनी के बाद गोली चलाने तक के अधिकार हैं। म्यांमार की सीमा से लगते ये इलाके न सिर्फ उग्रवादी संगठनों के आने-जाने का रास्ता है बल्कि वो इन्ही जिलों में अपनी हरकतों को अंजाम देते हैं। इनमें से कई संगठन भारत में प्रतिबंधित हैं।
हमले कर म्यांमार में छिप जाते हैं उग्रवादी
इन प्रतिबंधित संगठनों ने म्यांमार में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं। ये अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत में आते हैं और सुरक्षाबलों पर हमला कर म्यांमार भाग जाते हैं। कई बार दोनों देशों ने इनसे निपटने के लिए संयुक्त अभियान भी चलाए हैं।
जुलाई में मणिपुर में हुआ था हमला
इससे पहले जुलाई के अंत मे उग्रवादियों ने मणिपुर में हमला किया था, जिसमें असम राइफल्स के तीन जवान शहीद हुए थे। यह मणिपुर में हुआ पिछले तीन सालों का सबसे बड़ा हमला था। असम राइफल्स की टीम पर यह हमला तब हुआ, जब वह खोंगताल स्थित अपने बेस पर लौट रही थी। तभी एक जोरदार IED धमाका हुआ और भयंकर आग लग गई। इसके बाद उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां भी चलाई।