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स्वतंत्रता दिवस विशेष: साल 1947 में कैसा रहा था भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन?
साल 1947 में खेलने वाली भारतीय क्रिकेट टीम

स्वतंत्रता दिवस विशेष: साल 1947 में कैसा रहा था भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन?

Aug 15, 2025
10:01 am

क्या है खबर?

भारतीय इतिहास में साल 1947 सुनहरे अक्षरों में दर्ज है, जब सालों के संघर्ष के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली। क्रिकेट का सफर भारत ने इससे पहले ही शुरू कर दिया था और 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेला। उस दौर के खिलाड़ी सिर्फ खेल नहीं रहे थे, बल्कि नवजात राष्ट्र की उम्मीदों और जज्बे को मैदान पर उतार रहे थे। आइए जानते हैं, आजादी के उस ऐतिहासिक साल में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन कैसा था?

ऑस्ट्रेलिया

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी एकमात्र टेस्ट सीरीज 

साल 1947 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ एकमात्र टेस्ट सीरीज खेली थी। इस सीरीज में 5 मुकाबले खेले गए थे। 2 मैच साल 1947 में हुए और 3 मुकाबले 1948 के जनवरी महीने में खेले गए थे। उस सीरीज में भारतीय टीम को 4-1 से हार मिली थी। ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में हराना बेहद मुश्किल होता था। सीरीज में भारतीय टीम के कप्तान लाला अमरनाथ थे। ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी डॉन ब्रैडमैन कर रहे थे।

लेखा-जोखा

सीरीज का लेखा-जोखा 

28 नवंबर 1947 से सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेला गया था। उस मुकाबले में भारतीय टीम को पारी और 226 रनों से हार मिली थी। दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। 1 जनवरी से 1948 से शुरू हुए तीसरे टेस्ट मैच को कंगारू टीम ने 233 रनों से अपने नाम किया। चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 16 रन से जीत मिली। आखिरी टेस्ट भी ब्रैडमैन की टीम ने पारी और 177 रनों से जीता था।

रन

इन भारतीय खिलाड़ियों ने उस सीरीज में बनाए थे सबसे ज्यादा रन 

भारत के लिए उस टेस्ट सीरीज में विजय हजारे ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे। उनके बल्ले से 5 टेस्ट की 10 पारियों में 47.66 की औसत से 429 रन निकले थे। उन्होंने 2 शतक और 1 अर्धशक जड़ा था। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 145 रन था। दत्तू फड़कर ने 4 मैच की 8 पारियों में 52.33 की औसत के साथ 314 रन बनाए थे। उनके बल्ले से 1 शतक और 3 अर्धशतक निकले थे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 123 रन था।

विकेट

इन भारतीय गेंदबाजों ने चटकाए थे सबसे ज्यादा विकेट 

भारत के लिए उस सीरीज में कप्तान लाला अमरनाथ ने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। उन्होंने 5 टेस्ट की 6 पारियों में 28.15 की औसत से 13 विकेट चटकाए थे। उन्होंने 2 बार 4 विकेट हॉल अपने नाम किए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/78 का रहा था। विनू मांकड ने 5 टेस्ट की 6 पारियों में गेंदबाजी की थी और 12 विकेट झटके थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/135 का रहा था।