मोदी सरकार का आपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव; IPC और CrPC होंगे खत्म, 3 विधेयक पेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन 3 विधेयक पेश किए, जिनमें भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक शामिल हैं। उन्होंने कहा, "1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। इसकी जगह भारतीय आत्मा के साथ 3 कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।"
स्थायी समिति को भेजे गए विधेयक
गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह विधेयक स्थायी समिति को भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि नए विधेयकों से IPC, CrPC और साक्ष्य अधिनियम खत्म होंगे और नए कानून से महिलाओं और बच्चों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का मकसद किसी को सजा देना नहीं, बल्कि न्याय देना होगा। उन्होंने बताया कि देशभर में लोगों ने इस पर सुझाव दिए हैं, 4 साल इस पर चर्चा हुई और 158 बैठकें हुई हैं।
विधेयक की खास बातें
जानकारी के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, 2023 लेगी। दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 प्रस्थापित होगी। इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लाया जाएगा। शाह ने बताया कि इन तीनों कानूनों को बदलकर नए कानून बनेंगे। साथ ही विधेयक के तहत लक्ष्य रखा गया है कि सजा का अनुपात 90 प्रतिशत से अधिक ले जाना है।