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नई संसद में होगी राजदंड 'सेंगोल' की स्थापना; विपक्ष के विरोध पर यह बोले अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने नए संसद भवन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई जानकारियां दीं

नई संसद में होगी राजदंड 'सेंगोल' की स्थापना; विपक्ष के विरोध पर यह बोले अमित शाह

लेखन आबिद खान
May 24, 2023
01:30 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नए संसद भवन को लेकर कई जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है, जिनका प्रधानमंत्री सम्मान करेंगे। शाह ने उद्घाटन समारोह का विरोध करने पर विपक्षी पार्टियों को भी जवाब दिया है।

बयान

विपक्षी पार्टियों के विरोध पर क्या बोले शाह?

कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। 19 विपक्षी पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगी। इस पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि सरकार ने सभी को नई संसद के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, "राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें।"

सेंगोल

नए संसद भवन में रखा जाएगा 'सेंगोल'

शाह ने कहा कि नए संसद भवन में भारत का राजदंड 'सेंगोल' स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी। यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई, फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए। इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया।"

क्या है 

क्या है सेंगोल?

सेंगोल एक राजदंड है, जिसे संप्रभुता के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह चोल साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। चोल से लेकर मुगल और ब्रिटिश शासन में भी इसका उपयोग किया गया था। आखिरी बार साल 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका इस्तेमाल किया था। तब नेहरू ने सेंगोल को तमिलनाडु से मंगवाकर अंग्रेजों से इसे स्वीकार किया था। 1947 के बाद से अभी तक इसका उपयोग नहीं हुआ है।

खास

नए संसद भवन में क्या है खास?

नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष बनाया गया है। इसके अलावा संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, एक कैंटीन, एक समिति कक्ष और पर्याप्त पार्किंग उपलब्ध है। संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में ही आयोजित होगा, जो पहले सेंट्रल हॉल में होता था।