जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाली संभावित कोरोना वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल शुरू
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना की संभावित वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इंसानी ट्रायल के इस तीसरे और अंतिम चरण में 60,000 स्वस्थ वॉलेंटियरों पर इसका असर और सुरक्षा की जांच होगी। यह ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंचने वाली पहली ऐसी संभावित वैक्सीन है, जो सफल होने पर महज एक खुराक में ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षा दे सकती है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगले साल एक अरब खुराक बनाने की तैयारी में कंपनी
फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा तैयार की जा रही इस वैक्सीन से पहले तीन अन्य वैक्सीन अंतिम चरण में पहुंची है। कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी पॉल स्टॉफेल्स ने अनुमान लगाया कि साल के अंत तक ट्रायल से पर्याप्त आंकड़े मिल जाएंगे और कंपनी अगले साल इसकी एक अरब खुराक बनाने की योजना पर काम कर रही है। अगर इसका ट्रायल कामयाब होता है तो इसका वितरण और प्रबंधन अन्य की तुलना में आसान रह सकता है।
कामयाब होने पर वैक्सीन की रखरखाव आसान
कंपनी शुरुआत में इसकी एक खुराक का टेस्ट कर रही है, वहीं बाकी वैक्सीन की कम से कम दो खुराक की जरूरत होती है। इसके अलावा जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन की खुराक को तरल रूप में तीन महीनों तक फ्रीज में रखा जा सकता है। इसकी तुलना में अंतिम चरण में पहुंची दो वैक्सीन ऐसी हैं, जिनकी खुराक को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए 0 डिग्री से कम तापमान पर रखना पड़ेगा, जो बड़ी चुनौती होगी।
ट्रायल के प्रोटोकॉल सार्वजनिक करेगी कंपनी
बॉस्टन के बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर ने जॉनसन एंड जॉनसन के साथ यह वैक्सीन तैयार करने के लिए साझेदारी की है। यहां के सेंटर फॉर वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च के निदेशक डन बरोच कहते हैं कि एक खुराक वाली वैक्सीन होने अगर सुरक्षित और कामयाब साबित होती है तो इसके लॉजिस्टिक को लेकर आने वाली चुनौतियां काफी कम हो जाएंगी। वहीं कंपनी ने कहा है कि वह ट्रायल के दौरान उठाए गए सभी कदमों की जानकारी सार्वजनिक करेगी।
कंपनी से 10 करोड़ खुराक खरीद चुकी है अमेरिकी सरकार
ट्रंप प्रशासन ने वैक्सीन बनाने में जुटी कई कंपनियों को आर्थिक मदद दी है। जॉनसन एंड जॉनसन को भी सरकार की तरफ से 1.5 बिलियन डॉलर की मदद मिली है। साथ ही सरकार पहले से ही इस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक खरीद चुकी है।
अभी तक के ट्रायल में मिले हैं उम्मीद के मुताबिक नतीजे
इस वैक्सीन के असर को लेकर बंदरों पर हुए एक अध्ययन में सामने आया था कि यह इम्यून सिस्टम को संक्रमण से बचान में कामयाब साबित हुई है। इसके पहले ट्रायल के नतीजे शोधकर्ताओं को मिल चुके हैं और इन्हें जल्द ही प्रकाशित कर दिया जाएगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि कुल मिलाकर यह वैक्सीन इम्युन सिस्टम को मजबूत करने में सफल हुई है और इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं।
तेजी से बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या
वैक्सीन के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पूरी दुनिया में 3.18 करोड़ लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 9.76 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में 69.35 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और लगभग 2.02 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं भारत में संक्रमितों की संख्या 57.32 लाख और मृतकों की संख्या 91,149 हो गई है।