ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ी, अब 31 दिसंबर तक मिला मौका
क्या है खबर?
आयकर विभाग ने कोरोना महामारी के दौर में करदाताओं को फिर से राहत देते हुए आयकर रिर्टन (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख को फिर से बढ़ा दिया है।
विभाग ने व्यक्तिगत करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ITR दाखिल करने की समय सीमा को एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया है।
इससे पहले विभाग ने करदाताओं के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित की थी।
बयान
करदाताओं को पर्याप्त समय देने के लिए बढ़ाई तारीख- CBDT
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि आयकर दाताओं को रिटर्न दाखिल करने को पर्याप्त समय देने के लिए अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में अब जिन करदाताओं के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2020 थी, उसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया गया है।
इसी तरह जिन करदाताओं के खातों की ऑडिट जरूरी है उनकी अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2021 कर दिया गया है।
शुरुआत
आयकर विभाग ने पहली बार मई में बढ़ाई थी तारीख
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन को देखते हुए आयकर विभाग ने पहली बार मई में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई, 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया था।
इसके बाद भी अधिकतर आयकर दाता रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए थे। ऐसे में सरकार ने अब इसे एक महीने और आगे बढ़ा दिया है।
राहत
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी बढ़ाई तारीख
हाल ही में आयकर विभाग ने 2018-19 के आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख दो महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया था।
CBDT ने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस संकट के चलते करदाताओं के सामने आ रही परेशानियों को देखते हुए यह निर्णय किया गया है।
इसी तहर आकलन वर्ष 2019-20 के लिए देरी से या संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 30 सितंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया था।
इजाफा
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए चार बार बढ़ाई अंतिम तारीख
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए चौथी बार अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया है।
विभाग ने सबसे पहले मार्च में अंतिम तारीख को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून किया था। उसके बाद सरकार ने जून में इसे बढ़ाकर 31 जुलाई किया था और फिर 30 सितंबर तक बढ़ाया था।
उसके बाद 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया। इससे आयकर दाताओं को राहत मिलेगी।