हाफिज सईद की गिरफ्तारी महज दिखावा, आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाए पाकिस्तान- अमेरिका
क्या है खबर?
अमेरिका ने पाकिस्तान द्वारा वैश्विक आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी को अपर्याप्त बताया है।
ट्रंप प्रशासन ने पाक की मंशा पर शक जताते हुए कहा कि हाफिज की पहले हुई कार्रवाई से उसकी और उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा की गतिविधियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा था।
बता दें, संसद भवन हमले और मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज को इसी हफ्ते गिरफ्तार किया गया है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कार्रवाई
ठोस और स्थायी कदमों की उम्मीद में ट्रंप प्रशासन
अगले हफ्ते इमरान खान की अमेरिका यात्रा से पहले ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने हाफिज की गिरफ्तारी को लेकर कहा, "हमने देखा है कि पहले भी ऐसा हुआ है। हम ठोस और स्थायी कदमों की उम्मीद कर रहे हैं, यह महज एक दिखावा है।"
बता दें, वैश्विक आतंकी हाफिज सईद अब तक सात बार गिरफ्तार किया जा चुका है।
पहली बार उसे भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद दिसंबर, 2001 में गिरफ्तार किया गया था।
बयान
हाफिज सईद की गिरफ्तारी नाकाफी- अधिकारी
ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने कहा, "हमें इस मामले का इतिहास पता है। पाकिस्तानी सैन्य खुफिया सर्विस की तरफ से इन समूहों की मिलने वाली मदद को लेकर हम किसी तरह के भ्रम में नहीं हैं। इसलिए हम ठोस कदमों की उम्मीद कर रहे हैं।"
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने इन आतंकी समूहों की संपत्ति जब्त करने और आतंकियों को गिरफ्तार करने जैसे कुछ शुरुआती कदम उठाए हैं। ये काफी नहीं हैं।
आतंकियों की मदद
किसी से छिपे नहीं है ISI और आतंकी समूह के संबंध- ट्रंप प्रशासन
अधिकारी ने बताया कि हाफिज सईद की पहली की गिरफ्तारियों से भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। उसकी गिरफ्तारी के बावजूद लश्कर-ए-तैयब्बा का गतिविधियों में कोई अंतर नहीं आया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान में चल रहे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क को लेकर चिंतित हैं। इन समूहों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं।
पाकिस्तान को आतंकियों की गिरफ्तारी से आगे बढ़कर सजा दिलानी चाहिए।
जानकारी
बुधवार को गिरफ्तार हुआ था हाफिज
पाकिस्तान ने बुधवार को हाफिज सईद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कुछ दिन पहले ही हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ मुकमा दर्ज किया गया था।
मुकदमा
आतंकी फंडिंग के लिए दर्ज हुआ था मुकदमा
इसी महीने पाकिस्तान की पंजाब पुलिस के आंतक निरोधक विभाग (CTD) ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत के नेतृत्व पर लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में 23 FIR दर्ज की थीं।
इन मामलों में हाफिज सईद और उसके 12 करीबी सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था।
इन पर ट्रस्टों और दूसरे संगठनों के जरिए आतंक के लिए धन जुटाने का आरोप है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के निर्देशों के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
वैश्विक आतंकी
मुंबई हमलों के बाद हाफिज को घोषित किया गया था वैश्विक आतंकी
हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
हमलों के बाद UNSC ने हाफिज को वैश्विक आतंकवादी घोषित करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लश्कर-ए-तैयबा भी आतंकी संगठनों की सूची में आता है, इसलिए उसने अपने तमाम आर्थिक और राजनीतिक काम चलाने के लिए JuD जैसे अन्य संगठन बना रखे हैं।
JuD लश्कर के मुखौटे के तौर पर काम करता है।