देश की 7.2 प्रतिशत आबादी के पास पासपोर्ट, केरल में सबसे ज्यादा
क्या है खबर?
देश में लगभग 7 प्रतिशत लोगों के पास ही पासपोर्ट है और इनमें से भी अधिकतर ने पिछले एक दशक के दौरान यह महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवाया है।
दिसंबर के मध्य तक देश के 9.6 करोड़ लोगों के पास पासपोर्ट थे और अगले कुछ महीनों में यह आंकड़ा 10 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है।
पासपोर्ट विदेश जाने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेजों में शामिल होता है और इसका कई अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
जानकारी
केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पासपोर्ट
देश में सबसे ज्यादा पासपोर्ट महाराष्ट्र और केरल में हैं। इन दोनों राज्यों में 2.2 करोड़ (लगभग 23 प्रतिशत) पासपोर्ट हैं। इनके अलावा तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने पासपोर्ट बनवाए हैं।
महाराष्ट्र और केरल में एक-एक करोड़ से ज्यादा पासपोर्ट धारक है। वहीं तमिलनाडु में करीब 97 लाख पासपोर्ट धारक है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु से कम आबादी के बाद भी केरल में सबसे ज्यादा लोगों के पास पासपोर्ट है।
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अंडमान निकोबार में सबसे कम पासपोर्ट धारक
उत्तर प्रदेश में लगभग 88 लाख, पंजाब में 77 लाख, गुजरात में 67.6 लाख और कर्नाटक में लगभग 66 लाख पासपोर्ट धारक हैं। वहीं अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सबसे कम (4,316) नागरिकों के पास पासपोर्ट है।
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अब बढ़ी है पासपोर्ट बनवाने की रफ्तार
देश में पासपोर्ट धारकों की संख्या औसत से कम है, लेकिन पिछले कुछ समय में विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ी है और इसी के साथ पासपोर्ट बनवाने वालों की रफ्तार तेज हुई है।
इसके अलावा सरकार के स्तर पर भी पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं।
सरकार लगातार देशभर में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ा रही है और प्रक्रिया को और आसान बनाया जा रहा है।
सुविधा
देश में बढ़ी है पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछले सात सालों में देश में 368 नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं। 2014 में देश में केवल 153 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे और अब इनकी संख्या में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इनके अलावा विदेशों में स्थित 140 से अधिक भारतीय मिशनों पर भी पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं।
2015 में जहां एक पासपोर्ट बनवाने में औसतन 21 दिन लगते थे, वह समय घटकर अब छह दिन हो गया है।
पासपोर्ट
इस साल बने हैं 1.1 करोड़ पासपोर्ट
TOI के मुताबिक, इस साल 12 दिसंबर तक देश में 1.1 करोड़ पासपोर्ट बने हैं और इनमें से 10.5 प्रतिशत भारतीय मिशनों द्वारा जारी किए गए हैं। यानी हर 10 में से एक पासपोर्ट विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों से जारी हो रहा है।
इस साल 2021 की तुलना में 36 प्रतिशत और 2020 की तुलना में 81.5 प्रतिशत अधिक पासपोर्ट बने हैं। कोरोना वायरस महामारी से पहले 2019 में 1.2 करोड़ भारतीय पासपोर्ट जारी किए गए थे।
जानकारी
बजट में हुआ था ई-पासपोर्ट का ऐलान
इस साल फरवरी में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-पासपोर्ट का ऐलान किया था।
ई-पासपोर्ट रेगुलर पासपोर्ट का डिजिटल वर्जन होता है, जिसमें धारक की जानकारियां अधिक सुरक्षित रहती है। इसमें लगी इलेक्ट्रॉनिक चिप में धारक का नाम और जन्मतिथि समेत अन्य जानकारी होती है।
चिप को स्कैन करने में ज्यादा समय नहीं लगता, जिससे चेकिंग जल्दी होती है। सबसे पहले राजनयिकों और अधिकारियों को ये पासपोर्ट दिए जाएंगे।