श्रद्धा हत्याकांड: पॉलीग्राफ टेस्ट में आफताब ने कबूला गुनाह, कल होगा नार्को टेस्ट
दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला ने पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना गुनाह कबूल किया है। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपी को अपने किये का जरा भी पछतावा नहीं है और उसने हत्या के बाद लाश के टुकड़े फेंकने की बात भी स्वीकार की है। इससे पहले साकेत अदालत में पेशी के दौरान भी आफताब ने जुर्म कबूलते हुए कहा था कि उसने जो कुछ भी किया, वह गुस्से में किया था।
क्या है श्रद्धा हत्याकांड?
दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। श्रद्धा की हत्या के आरोप उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला पर लगे हैं। जांच में सामने आया है कि आफताब ने शादी का दबाव बनाने पर श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर फ्रीज में रख दिए। पकड़े जाने से बचने के लिए वह इन टुकड़ों को अलग-अलग स्थानों पर फेंकता था।
कई रिलेशनशिप में था आरोपी- सूत्र
मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार, पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आफताब ने बताया कि उसके एक से ज्यादा रिलेशनशिप में था। जांचकर्ताओं ने पता लगाया है कि आफताब और श्रद्धा के बीच महाराष्ट्र में रहने के दौरान ही कड़वाहट आने लगी थी। श्रद्धा को शक था कि वह उसे धोखा दे रहा है। पुलिस ने यह भी बताया है कि आरोपी अलग-अलग डेटिंग साइट्स के जरिये 15-20 लड़कियों के संपर्क में था।
अदालत में मान्य नहीं होगा यह बयान
बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दिया गया आरोपी का बयान अदालत में मान्य नहीं होता है। हालांकि, इस बयान से अगर कुछ ठोस सबूत मिलते हैं तो उन्हें अदालत में पेश किया जा सकता है।
1 दिसंबर को होगा नार्को टेस्ट
पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद अब आफताब का नार्को टेस्ट किया जाएगा। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को पुलिस को आरोपी का नार्को टेस्ट करने की इजाजत दे दी है। अब पुलिस उसे 1 और 5 दिसंबर को रोहिणी स्थित लैब में ले जा सकती है, जहां नार्को टेस्ट किया जाएगा। इसके लिए आफताब की भी सहमति मिल गई है। इस टेस्ट में व्यक्ति से सूचनाएं उगलवाने के लिए उसे ड्रग्स देकर अर्ध-बेहोशी की हालत में ले जाया जाता है।
नार्को टेस्ट से कैसे अलग है पॉलीग्राफ टेस्ट?
किसी आरोपी से सच उगलवाने के लिए सामान्य तौर पर नार्को टेस्ट कराया जाता है, जो पॉलीग्राफ टेस्ट से काफी अलग है। नार्को टेस्ट में आरोपी को इंजेक्शन के जरिए सोडियम पेंटोथॉल समेत कई केमिकल दिए जाते हैं जिनसे व्यक्ति अचेत अवस्था में चला जाता है और उसकी झूठ गढ़ने की क्षमता समाप्त हो जाती है। नार्को टेस्ट में आरोपी से बेहोशी की हालत में सवाल किए जाते हैं, जबकि पॉलीग्राफ टेस्ट में कोई इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है।
न्यायिक हिरासत में है आरोपी
दिल्ली पुलिस ने आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। सोमवार को जब पुलिस उसे फॉरेंसिक साइंस लैब से ले जा रही थी, तब तलवार और हथौड़े लिए कुछ लोगों ने पुलिस वैन पर हमला कर दिया था। हमलावर पूरी योजना बनाकर आए थे और आफताब को वैन से बाहर निकालना चाहते थे। इसके बाद पुलिस ने बंदूक निकालकर हमलावरों को वहां से खदेड़ा और वैन को सुरक्षित निकाला।