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असम विधानसभा में खत्म किया 2 घंटे का 87 साल पुराना 'जुम्मा' ब्रेक, जानिए कारण
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरकार ने जुम्मा ब्रेक खत्म करने पर जताया आभार

असम विधानसभा में खत्म किया 2 घंटे का 87 साल पुराना 'जुम्मा' ब्रेक, जानिए कारण

Aug 30, 2024
03:22 pm

क्या है खबर?

असम विधानसभा ने बड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को होने वाली 'जुम्मा' नमाज के लिए 2 घंटे का ब्रेक देने के 87 साल पुराने ब्रिटिश काल के नियम को खत्म कर दिया है। ऐसे में अब से विधानसभा सत्र के दौरान मुस्लिम विधायकों को शुक्रवार की नमाज के लिए कोई ब्रेक नहीं दिया जाएगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसकी जानकारी देते हुए विधानसभा के इस ऐतिहासिक फैसले पर अध्यक्ष और विधायकों आभार भी जताया है।

बयान

मुख्यमंत्री सरमा ने फैसले को लेकर क्या कहा?

मुख्यमंत्री सरमा ने अपने एक्स अकाउंट पर विधानसभा के इस फैसले की जानकारी देते हुए लिखा, '2 घंटे के जुम्मा ब्रेक को खत्म करके असम विधानसभा ने उत्पादकता को प्राथमिकता दी है और औपनिवेशिक बोझ के एक और निशान को हटा दिया है। यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए विधानसभा अध्यक्ष और हमारे विधायकों के प्रति मेरा बहुत-बहुत आभार।'

बयान

यह फैसला मील का पत्थर- हजारिका

जम्मा ब्रेक खत्म करने के सरकार के फैसले पर असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने एक्स पर लिखा, 'असम में सच्ची धर्मनिरपेक्षता को फिर से हासिल करने के लिए यह फैसला एक मील का पत्थर है। असम विधानसभा ने आज हर शुक्रवार को जुम्मा की नमाज के लिए 2 घंटे के ब्रेक की प्रथा को समाप्त कर दिया है। यह प्रथा औपनिवेशिक असम में सादुल्ला की मुस्लिम लीग सरकार द्वारा शुरू की गई थी।'

ब्रेक

क्या था असम विधानसभा का 'जुम्मा' ब्रेक

दरअसल, साल 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने मुस्लिमों को प्रत्येक शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज में जाने के अवसर देने के लिए असम विधानसभा में 2 घंटे (दोपहर 12 से 2 बजे) का ब्रेक देने की शुरुआत की थी। उसके बाद सोमवार से गुरुवार तक विधानसभा सुबह साढ़े 9 बजे से शुरू होता था और शुक्रवार को 9 बजे से शुरू होता था ताकि नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक दिया जा सके।