
कोरोना वायरस: आगरा के तीन गांवों में बिगड़े हालात, 20 दिन में हुई 64 मौतें
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप थम नहीं रहा है। यहां प्रतिदिन हजारों नए मामले आ रहे हैं।
सबसे बुरी हालत आगरा के ग्रामीण क्षेत्रों की है। यहां उपचार की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से तीन गांवों में पिछले 20 दिनों में 64 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ रही मौतों की संख्या से ग्रामीणों में दहशत है।
हालांकि, मौतों के बढ़ते आंकड़ों के बाद चिकित्सा टीमों ने गांवों में डेरा जमा लिया है।
हालात
कुंडौल और बमरौली कटारा गांव में हुई 50 लोगों की मौत
इंडिया टुडे के अनुसार आगरा में सबसे बुरी हालत आगरा से 12 किलोमीटर दूर बरौली अहीर विकासखंड के कुंडौल व बमरौली कटारा गांव की है। यहां की आबादी करीब 35,000-40,000 हजार है। यहां पिछले 20 दिनों में 50 लोगों की मौत हो चुकी है।
इनमें से अधिकतर को सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी की शिकायत थी।
ग्रामीणों की सूचना पर चिकित्सा टीम ने गांव पहुंचकर 46 लोगों की जांच की, जिसमें से दो संक्रमित मिले हैं।
जानकारी
पंचायत चुनाव के पहले चरण के बाद शुरू हुई परेशानी
गांव के प्रधान ने बताया कि सूचना के बाद भी चिकित्सा विभाग ने सभी लोगों की जांच नहीं की है। इससे संक्रमण बढ़ रहा है। पंचायत चुनाव के पहले चरण के बाद से ही गांव में कई लोग बुखार की चपेट में आ गए थे।
मौत
एत्मादपुर के कुरगवां में दो सप्ताह में हुई 14 लोगों की मौत
आगरा से 40 किलोमीटर दूर एत्मादपुर विकासखंड के गांव कुरगवां में मौतों से लोगों में डर बैठ गया है। यहां पिछले दो सप्ताह में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सभी में बुखार, खांसी, सांस फूलने की शिकायत थी।
मौतों की संख्या बढ़ने के बाद चिकित्सा टीम ने गांव पहुंचकर 100 लोगों की जांच की, इसमें से 27 के संक्रमण की पुष्टि हुई है। टीम ने गांव के एक प्राथमिक विद्यालय को आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है।
सुविधा
आइसोलेशन सेंटर में है सुविधाओं का अभाव
ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में सुविधाओं का अभाव है। इसके चलते सोमवार को 65 वर्षीय मरीज की तबीयत बिगड़ गई थी, उसे आगरा रैफर किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस आइसोलेशन सेंटर में ग्रामीणों को लाया तो जा रहा है, लेकिन उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। हालात यह है कि यहां ऑक्सीजन की सुविधा भी नहीं है। इससे लोग उपचार को लेकर डरे हुए हैं।
जागरूकता
जागरूकता के अभाव में तेजी से फैल रहा संक्रमण
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में महामारी को लेकर कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया है। ऐसे में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी ग्रामीण उपचार के लिए शहर नहीं जा रहे हैं। संक्रमित लोग पूरे गांव में दिनभर घूमते हैं और संक्रमण का प्रसार करते हैं।
इसी तरह आइसोलेशन सेंटर में भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वह जान जोखिम में डालकर इधर-उधर चले जाते हैं। हालांकि, केंद्र के बाहर पुलिस तैनात की गई है।
सैनिटाइजेशन
गांवों में कराया गया है सैनिटाइजेशन- श्रीवास्तव
बरौली अहीर की खंड विकास अधिकारी तूलिका श्रीवास्तव ने बताया कि कुंडौल और बमरौली कटारा में पिछले 20 दिनों में 50 मरीजों की मौत हुई है। कुछ बुजुर्गों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई है। बाकी मरीजों को बुखार की शिकायत थी।
उन्होंने बताया कि गांवों में सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। दवाइयां वितरण के लिए स्वाथ्य टीमें कैंप कर रही हैं। इसी तरह ग्रामीणों को महामारी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
संक्रमण
उत्तर प्रदेश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में रविवार को संक्रमण के 21,277 नए मामले सामने आए हैं और 278 लोगों की मौत हुई है।
इसी के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 15,24,767 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 15,742 की मौत हो चुकी है और 12,83,754 लोग उपचार के बाद ठीक हो गए। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,25,271 पर पहुंच गई है।