नरसिम्हा के पोते ने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री के साथ हुए अन्याय के लिए माफी मांगे सोनिया-राहुल
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पोते और भाजपा नेता एनवी सुभाष ने गांधी परिवार से उनके दादा के साथ किये 'अन्याय' के लिए माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव जी चिन्ना रेड्डी के उस बयान को झूठा और निंदा के लायक बताया, जिसमें रेड्डी ने कहा था कि नरसिम्हा राव ने अपने कार्यकाल के दौरान नेहरु-गांधी परिवार को 'साइडलाइन' करने की कोशिश की। सुभाष ने कहा कि राव गांधी परिवार के प्रति वफादार थे।
कांग्रेस ने राव को नजरअंदाज किया- सुभाष
तेलंगाना भाजपा के प्रवक्ता सुभाष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नेहरु-गांधी परिवार के अलावा दूसरे नेताओं खासकर नरसिम्हा राव को नजरअंदाज किया है। समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए सुभाष ने कहा, "यह बात पुख्ता है कि उनके (नरसिम्हा राव) के शव को कांग्रेस मुख्यालय में लाने की इजाजत नहीं दी गई थी। राव को छोड़कर सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक नई दिल्ली में बनाए गए, जो उनके प्रति कांग्रेस नेताओं के रवैये को दर्शाता है।"
"गांधी परिवार के प्रति वफादार थे राव"
सुभाष ने कहा कि राव ने कभी अपने कार्यकाल के दौरान गांधी परिवार को साइलाइन नहीं किया। वो गांधी परिवार के लिए वफादार थे और उन्होंने कई मुद्दों पर परिवार का मार्गदर्शन भी किया।
राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती थीं सोनिया गांधी- सुभाष
साल 2014 में भाजपा से जुड़ने वाले सुभाष ने दावा किया कि सोनिया गांधी को पार्टी की हर गतिविधि, सरकार के फैसलों, मंत्रीमंडल विस्तार, चुनावी प्रक्रिया, प्रचार और टिकट बंटवारे की जानकारी होती थी। उन्होंने आगे दावा किया कि कई बार राव ने खुद मिलकर सोनिया को इनकी जानकारी थी, लेकिन न तो वो खुद राजनीति में रूचि रखती थीं और न ही अपने बच्चों को राजनीति में आने देना चाहती थीं।
"बाबरी विध्वंस रोकने के लिए राव ने उठाए थे सभी कदम"
अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रह चुके रेड्डी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर भी राव को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि इससे मुसलमान कांग्रेस से अलग हो गए। रेड्डी के इस आरोप का जवाब देते हुए सुभाष ने कहा कि राव ने विध्वंस को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए थे। उन्होंने कहा कि अगर रेड्डी का आरोप सही हैं तो फिर कांग्रेस 10 साल तक सत्ता में कैसे आई।
देश से माफी मांगे सोनिया और राहुल गांधी
पूर्व प्रधानमंत्री के पोते ने कहा कि कांग्रेसी नेता हमेशा अच्छे काम के लिए नेहरु-गांधी परिवार को श्रेय देंगे जबकि पार्टी की असफलता के लिए राव को दोषी ठहरा देते हैं। कांग्रेस कभी भी राव सरकार द्वारा शुरू की गई उदारीकरण नीति की चर्चा नहीं करती। सुभाष ने कहा कि कम से कम राहुल गांधी, सोनिया गांधी और उनके करीबी नेताओं को राव के साथ हुए अन्याय के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
मनमोहन सिंह के राजनीतिक गुरु थे नरसिम्हा राव
राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने नरसिम्हा राव 21 जून, 1991 से लेकर 16 मई, 1996 तक इस पद पर रहे। उन्हें देश में लाइसेंस राज की समाप्ति और आधुनिक आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने अपने सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया था। मनमोहन सिंह उन्हें अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं। अविभाजित आंध्र प्रदेश में जन्मे राव राज्य के मुख्यमंत्री पद पर भी रहे थे।