मुंबई एयरपोर्ट पर चल रहा था पैसे लेकर अनिवार्य क्वारंटाइन से बचाने का रैकेट, तीन गिरफ्तार
मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSIA) पर पैसे देकर अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से बचने के रैकेट का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मामले में एक 35 वर्षीय सब-इंजीनियर और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ये लोग विदेश से आ रहे यात्रियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से बचाने के एवज में उनसे 4,000 रुपये लेते थे। आरोपियों के पास से कैश और नकली दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
23 दिसंबस से हवाई अड्डे पर तैनात था मुख्य आरोपी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपी सब-इंजीनियर दिनेश गवांडे को 23 दिसंबर को बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) पर तैनात किया गया था और शुक्रवार को उसकी प्लेटफॉर्म-6 पर दुबई, कुवैत और अमेरिका से आने वाले यात्रियों की जांच की ड्यूटी लगी थी। इसी दौरान सुबह करीब 5:50 बजे वह एक शौचालय में घुसा और हाउसकीपिंग स्टाफ की एक महिला कर्मचारी को धक्का देते हुए एक बैग के साथ इससे बाहर निकला।
महिला ने शक होने पर की अधिकारियों से शिकायत
गवांडे के इस व्यवहार से महिला कर्मचारी को उस पर शक हुआ और उसने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) के अधिकारियों को इसके बारे में सूचित किया। महिला की शिकायत के बाद अधिकारियों ने गवांडे के बैग की जांच की और उन्हें इसमें 1.4 लाख रुपये कैश और 200 सऊदी रियाल मिले। इसके अलावा बैग में से होम स्वारंटाइन की रबर स्टैंप, स्टैंप के साथ कुछ लेटरहेड और डॉक्टरों के हस्ताक्षर बरामद हुए।
गवांडे के दो सहयोगी भी किए गए गिरफ्तार
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, गवांडे ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह रिश्वत ले रहा था और एयरपोर्ट पर दुकान चलाने वाले अशरफ सारंग (41) और विवेक सिंह (32) ने फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने में उसकी मदद की थी। सारंग और सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और तीनों पर आदेशों का उल्लंघन, धोखाधड़ी और जालसाजी करने के लिए IPC की धाराओं और महामारी और आपदा अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गवांडे ने इन लोगों से लिए थे क्वारंटाइन से बचाने के लिए पैसे
इस बीच पुलिस ने हाल ही में दुबई और कुवैत से लौटने वाले अंधेरी पश्चिम के जावेद नवाब, मलाड पश्चिम के शेख शकील सलीम और खान अरबाज सत्तार, नेरुल पूर्व के हरी रियो जॉन और नासिक के शेख शाकिर साकुर का बयान भी दर्ज किया है। इन सभी ने दावा किया है कि गवांडे ने इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से छुटकारे के एवज में उनसे 4,000-4,000 रुपये लिए थे। पुलिस मामले में बड़े अधिकारियों की लिप्तता की जांच भी कर रही है।
तीन आरोपी पुलिस कस्टडी में
तीनों आरोपी 19 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में है। विवेक सिंह के वकील प्रभाकर त्रिपाठी और सौरभ मिश्रा ने उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है क्योंकि उसकी केस में कोई भूमिका नहीं है और उसने केवल अपने बॉस की मदद की थी।