पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट बोली- पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी नहीं; दिए प्रतिबंध हटाने के आदेश
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रसार ने एक ओर पूरी दुनिया को घुटने पर ला दिया है और प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है, वहीं दूसरी और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इसे महामारी मानने से इनकार कर दिया है।
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा बाजारों सहित अन्य सेवाओं पर लगाई पाबंदियों पर सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सरकार को सभी पाबंदियों को हटाने का आदेश दिया है।
आदेश
कोरोना वायरस पाकिस्तान में नहीं है कोई महामारी- सुप्रीम कोर्ट
न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा, "ऐसा नहीं लगता कि कोरोना वायरस पाकिस्तान में कोई महामारी है। ऐसे में सरकार द्वारा सप्ताह के अंत में बाजारों के खुलने पर लगाई गई रोक को हटा देना चाहिए।"
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि जब देश कोरोना से इतना प्रभावित नहीं है तो सरकार इससे लड़ने पर आखिर इतना पैसा क्यों खर्च कर रही है।
शॉपिंग मॉल्स
बाजार खोलने के बाद शॉपिंग मॉल्स को बंद रखने का नहीं है औचित्य
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने जब बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी तो शॉपिंग मॉल्स को बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है।
इसी तरह सप्ताह के अंत में बाजारों को बंद रखने की प्रांतीय सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी खास दिन कारोबार को बंद करना संविधान का उल्लंघन है। कोरोना वायरस एक-दो दिनों में खत्म नहीं हो जाएगा। ऐसे में सरकार का यह निर्णय ठीक नहीं है।
बयान
"वायरस के बजाए भूख से मर जाएंगे दुकानदार"
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अहमद ने कहा, "अगर दुकानें बंद रहीं तो दुकानदार कोरोना वायरस के बजाए भूख से मर जाएंगे। देश में कोरोना वायरस की अभी ऐसी स्थिति नहीं है। सरकार को इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करना चाहिए।"
परेशानी
मॉल्स खोलने में प्रशासन को नहीं होनी चाहिए कोई परेशानी
चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रांतों को स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद प्रशासन को शॉपिंग मॉल्स खोलने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट को उम्मीद है कि स्वास्थ्य मंत्रालय कोई गैर जरूरी अड़चन पैदा नहीं करेगा और कारोबार को खोलने की अनुमति देगा।
सुनवाई के दौरान सिंध प्रांत की सरकार ने मॉल्स को खोलने के प्रति अनिच्छा जतायी, लेकिन कोर्ट ने उसकी आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया।
अनुमति
प्रधानमंत्री इमरान खान ने दी थी बाजारों को खोलने की अनुमति
बता दें कि गत दिनों प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि कोरोना वायरस के जितने मामलों का अनुमान लगाया गया था, उस हिसाब से देश में कोरोना का संक्रमण नहीं फैला है। वह दिहाड़ी मजदूरों और अन्य गरीबों की आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए लॉकडाउन में ढील के पक्षधर हैं।
इसके बाद उन्होंने बाजारों को शनिवार और रविवार को छोड़कर खोलने का आदेश दे दिया था, लेकिन उन्होंने मॉल्स के खोलने पर पाबंदी जारी रखी थी।
आदेश
कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने जारी की अधिसूचना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिए जाने के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सभी माल खुल गए।
पंजाब सरकार ने अधिसूचना जारी कर मॉल खोलने की अनुमति दी और लाहौर समेत प्रांत के तमाम शहरों में मॉल खुल गए।
सार्वजनिक परिवहन भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के साथ खुल गए हैं।
कोर्ट का कहना था कि ईद के त्यौहार को देखते हुए मॉल्स को बंद रखना सही नहीं है। लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है।
आलोचना
डॉक्टरों ने की दुकानों को खोले जाने की आलोचना
पाकिस्तान सरकार की ओर से बाजारों को खोले जाने के आदेश देने की डॉक्टरों ने आलोचना की है।
पाकिस्तान यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव सलमान काज़मी ने रॉयटर्स से कहा कि इससे निश्चित तौर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि वो अस्पतालों पर आने वाले दबाव को लेकर चिंतित हैं। ईद पर बाज़ारों में बड़ी संख्या में लोगों के उमड़ने की उम्मीद है और ऐसे में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
जानकारी
पाकिस्तान में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
बता दें कि वर्तमान में पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 43,966 पहुंच गई है। वर्तमान में 30,538 लोगों का इलाज चल रहा है और 12,489 ठीक हो चुके हैं। इसी तदह देश में अब तक 939 लोगों की मौत हो चुकी है।