महाराष्ट्र: जिंदगी पर भारी पड़ रही घर पहुंचने की लालसा, ट्रक में भरे मिले 300 श्रमिक
देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए कई राज्यों से प्रवासी श्रमिकों का पलायन का दौर शुरू हो गया है। सरकार की देश भर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से सभी प्रकार की परिवहन सुविधाएं बंद कर दी गई है। इसके बाद भी इन श्रमिकों की भीड़ घर पहुंचने के लिए पैदल जाने से लेकर सामान ले जाने वाले ट्रकों व ट्रेन के खाली कोचों में सवार होने तक का खतरनाक कदम उठा रही है।
दो ट्रकों में सवार होकर राजस्थान जा रहे थे 300 श्रमिक
जिंदगी पर भारी पड़ने वाली श्रमिकों की घर पहुंचने की लालसा का खुलासा गुरुवार को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में हुआ। तेलंगाना से लगने वाली सीमा पंधारकवाड़ा टोल बूथ पर पुलिस ने दो ट्रकों को रोका तो चालकों ने आवश्यक सामान ले जाने की जानकारी दी। ट्रकों को खोलकर देखा तो उसमें 300 श्रमिक भरे मिले। सभी श्रमिक तेलंगाना से राजस्थान जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक एम राजकुमार ने बताया कि दोना ट्रक चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ट्रकों में सवार लोगों में अधिकतर थे निर्माण श्रमिक
पुलिस अधीक्षक राजकुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद भी इतनी संख्या में श्रमिकों का ट्रकों में आना बड़ी बात है। ट्रक में सवार लोगों में से अधिक निर्माण श्रमिक हैं। ट्रक चालक तेलंगाना में बिना किसी रोक-टोक के महाराष्ट्र की सीमा तक कैसे पहुंचे। इसको लेकर जांच कराई जा रही है। एक श्रमिक ने बताया कि लॉकडाउन में काम बंद होने व कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण उनके पास घर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।
अधिकारियों को नहीं पता कि श्रमिकों के साथ क्या करें
खास बात यह है कि अधिकारियों को यह नहीं पता कि श्रमिकों के साथ क्या करना है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ट्रक चालकों के खिलाफ तो कार्रवाई की जाएगी, लेकिन श्रमिकों का क्या करना है, इसके लिए मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
रेलवे के खाली कोचों में भी बैठकर जा रहे हैं श्रमिक
श्रमिक अवैध रूप से वाहनों के जरिए सड़क मार्ग से नहीं, बल्कि रेलवे के खाली कोचों में भी यात्रा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के झांसी और कानपुर रेलवे स्टेशन पर भी बड़ी संख्या में श्रमिकों को उतारा गया था। उत्तर मध्य रेलवे के CPRO के अनुसार श्रमिक कहां से बैठे थे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें झांसी और कानपुर में उातर लिया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी खाली रेक की आवाजाही रोक लगा दी है।
केंद्र ने राज्य सरकारों को दिया श्रमिकों के रहने-खाने की व्यवस्था करने का आदेश
वाहनों का संचालन बंद होने से श्रमिकों ने पैदल ही अपने घर जाने का निर्णय किया है। इससे सड़कों पर ऐसे श्रमिकों को परिवार सहित देखा जा सकता है। श्रमिकों की हालत को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को प्रवासी श्रमिकों के रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह महाराष्ट्र की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने घर से दूर रहने वाले छात्रों को घर पर ही रहने की सलाह दी है।
दूध टैंकर में सवार होकर घर पहुंचे थे 16 लोग
बता दें कि बुधवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीराबाद के 16 लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर एक दूध टैंकर में छिपकर घर पहुंचे थे। उनके टैंकर से बाहर निकलने के दौरान किसी ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। सभी 16 श्रमिक देहरादून में काम करते थे और लॉकडाउन के बाद अपने घर पहुंचने के लिए उन्होंने दूध टैंकर में छिपकर आना मुनासिब समझा था।