'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' सिनेमाघरों के बाद अब संसद में, जानिए कब होगी स्क्रीनिंग
क्या है खबर?
'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' खूब चर्चा में रही है। ये कहानी है श्रीराम की। इस एनिमेटेड फिल्म में उनके जन्म से लेकर बचपन की लीलाएं, सीता माता से उनका विवाह, उनका वनवास जाना और रावण के वध करने तक, श्रीराम के बारे में काफी कुछ दिखाया गया है।
जब यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो इसे दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
अब खबर है कि 'रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम' की स्क्रीनिंग संसद भवन में होगी।
स्क्रीनिंग
15 फरवरी को संसद भवन में दिखाई जाएगी फिल्म
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में 15 फरवरी को संसद भवन में 'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' की स्पेशल स्क्रीनिंग होनी है।
इसका मकसद मौजूदा समय में हर उम्र के लोग और युवाओं को रामायण की सीख से जोड़ना और भारतीय संस्कृति व आस्था से जुड़े इसके मूल्यों को आगे बढ़ाना है।
इस फिल्म का वितरण करने वाली कंपनी गीक पिक्चर्स के सह-संस्थापक अर्जुन अग्रवाल ने भी इस पर अपनी खुशी जाहिर की है।
बयान
यह सिर्फ स्क्रीनिंग नहीं, रामायण की अमर कहानी का जश्न है
अर्जुन अग्रवाल ने कहा, "भारतीय संसद की इस पहल के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे काम को इतने बड़े मंच पर प्रशंसा और सराहना मिल रही है। यह सिर्फ एक फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध विरासत और रामायण की अमर कहानी का जश्न है, जो आज भी हमें प्रेरणा देती है और सही राह दिखाती है।"
स्क्रीनिंग
तमाम राजनेता होंगे स्क्रीनिंग में शामिल
बता दें कि संसद भवन में होने वाली इस स्पेशल स्क्रीनिंग में राजनीति जगत के तमाम राजनेता शामिल होंगे। दर्शक और समीक्षकों के अलावा तमाम नेताओं ने 'रामायण- द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' की जमकर तारीफ की है।
बता दें कि 24 जनवरी को अक्षय कुमार की 'स्काई फोर्स' के साथ यह फिल्म सिनेमाघरों आई थी और बॉक्स ऑफिस टकराव के बावजूद इस फिल्म ने ठीक-ठाक कमाई की। यह फिल्म बढ़िया तरीके से श्रीराम की सारी लीलाएं दिखा देती है।
फिल्म
'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' के बारे में
'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' की बात करें तो ये दुनिया की पहली एनिमेटेड फिल्म थी, जिसमें भगवान राम को एनिमेटेड वर्जन में दिखाया गया हो। इसका निर्माण किसी भारतीय द्वारा नहीं, बल्कि एक जापानी फिल्मकार यूगो साको ने किया था।
1983 के दशक में वह भारत आए थे और भगवान राम पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री में काम कर रहे थे, तभी उनकी रामायण में दिलचस्पी बढ़ी और इस पर फिल्म बनाने का ख्याल उनके मन में आया।
रिलीज
31 साल बाद भारत में रिलीज हुई फिल्म
80 के दशक में रामानंद सागर के शो 'रामायण' को लोग आज तक नहीं भूल पाए हैं। इसके बाद साल 1993 में 'रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम' रिलीज हुई थी और लोगों ने इसे भी वैसा ही प्यार दिया था।
हालांकि, कुछ कठिनाइयों के कारण इसकी लोकप्रियता के बावजूद फिल्म को भारत में बैन कर दिया गया था।
प्रतिबंध हटने के 31 साल बाद फिल्म ने आखिरकार भारतीय सिनेमाघरों में वापसी की और खूब वाहवाही लूटी।