प्रोस्थेटिक मेकअप: कलाकारों की कायापलट करने वाली इस तकनीक के बारे में जानिए सबकुछ
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, फिल्म हिट करने के लिए कलाकार का अपने किरदार के साथ ढलना बेहद जरूरी होता है और इसके पीछे ना सिर्फ एक्टर, बल्कि मेकअप आर्टिस्ट की भी कड़ी मेहनत होती है। कई फिल्मों में अपने पसंदीदा कलाकारों का मेकओवर देख आप हैरान रह गए होंगे। बस मेकअप की इसी कला को प्रोस्थेटिक कहते हैं, जिसमें कलाकार का पूरा हुलिया ही बदल जाता है। आज हम आपको इसी तकनीक के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
क्या है प्रोस्थेटिक मेकअप?
प्रोस्थेटिक मेकअप को स्पेशल इफेक्ट्स मेकअप भी कहा जाता है। बॉलीवुड फिल्मों में कई ऐसे किरदार दिखे, जिन्हें पहचानने में हर कोई गच्चा खा गया। मेकअप की इसी तकनीक को प्रोस्थेटिक कहते हैं, जिसका इस्तेमाल किसी खास कैरेक्टर में ढलने के लिए होता है। प्रोस्थेटिक मेकअप असल में मेकअप नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा है। यह एक कला है, क्योंकि इसमें कैरेक्टर के गेटअप का पूरा खाका तैयार किया जाता है और एक काल्पनिक पात्र में जान फूंकी जाती है।
कैसे किया जाता है ये मेकअप?
यह सामान्य मेकअप से अलग होता है। सबसे पहले जो कैरेक्टर बनाना है, उसे डिजाइन किया जाता है। उसका स्केच बनाया जाता है। आकर दिया जाता है। इसके बाद उस पर स्पेशल इफेक्ट डाला जाता है। प्रोस्थेटिक मेकअप एक एडवांस स्टाइल का मेकअप होता है, जिसमें सिलिकॉन रबर के जरिए किसी भी अंग का एक ढांचा बनाकर उस हिस्से में फिट करके लुक को बदला जाता है। इसके लिए कलाकार की त्वचा के अनुकूल गोंद का उपयोग किया जाता है।
सामान्य तौर पर लगता है इतना वक्त
एक प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट इस काम में हर दिन चार से पांच घंटे तो खर्च करता ही है। इस मेकअप को निकालने में भी कम से कम एक घंटा लगता है। इस मेकअप को करने वाले आर्टिस्ट सामान्य मेकअप करने वालों से अलग होते हैं।
उदाहरण से समझिए
कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'एमर्जेंसी' ले लेते हैं, जिसके पोस्टर में कंगना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रूप में नजर आईं। इसके लिए प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट ने पहले सिलिकॉन रबड़ या जिलेटिन की मदद से इंदिरा गांधी की आकृति बनाई। फिर उसे कंगना के चेहरे पर लगा दिया गया। इस मेकअप का सबसे खास पहलू है कलाकार का चेहरा। चरित्र से मिलते-जुलते चेहरे का चयन जरूरी है, ताकि मेकअप के जरिए वास्तविकता को पर्दे पर उतारा जा सके।
प्रोस्थेटिक की लागत
बेसिक मेकअप 25,000 रुपये से शुरू होता है। इसकी लागत फिल्म की शूटिंग के आधार पर तय होती है। इसके लिए आर्टिस्ट लाखों-करोड़ों भी चार्ज करते हैं। 'कपूर एंड सन्स' में ऋषि कपूर को 90 साल का बुजुर्ग बनाने में दो करोड़ रुपये लगे थे।
इस फिल्म में पहली बार हुआ था प्रोस्थेटिक मेकअप का प्रयोग
1981 में आई 'चेहरे पे चेहरा' प्रोस्थेटिक्स का उपयोग करने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म थी। हालांकि, तब यह तकनीक उतनी उन्नत नहीं थी। इस थ्रिलर फिल्म में अभिनेता संजीव कुमार ने दोहरी भूमिकाएं निभाई थीं और उन्हें वो लुक दिया था मेकअप आर्टिस्ट शशिकांत म्हात्रे ने। फिर फिल्मों का बजट बढ़ने लगा। इसके बाद 1997 में आई फिल्म 'चाची 420' में कमल हासन के मेकअप के लिए अमेरिकी प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट माइकल वेस्टमोर और बैरी कोपर को हायर किया गया।
मेकओवर के बाद इन कलाकारों को पहचानने में चकराया माथा
फिल्म '83' में रणवीर सिंह ने कपिल देव का जो अवतार लिया, वो प्रोस्थेटिक मेकअप की ही देन था। 2009 में आई 'पा' में अमिताभ बच्चन के अभिनय से ज्यादा उनके मेकअप ने सबका ध्यान खींचा था, वहीं फिल्म 'राब्ता' में राजकुमार राव को एक राजपूत शासक के रूप में जो लुक सामने आया, उसने सबको चौंका दिया था। नवाजुद्दीन सिद्दीकी को 'मॉम' और दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर को फिल्म 'कपूर एंड सन्स' में पहचानना मुश्किल हो गया था।
बॉलीवुड के लोकप्रिय प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट
चार बार ऑस्कर पुरस्कार जीत चुके अंतरराष्ट्रीय मेकअप आर्टिस्ट ग्रेग कैनॉम बॉलीवुड में बेहद लोकप्रिय हैं। 'कपूर एंड सन्स' में ऋषि कपूर और 'फैन' में शाहरुख खान को अलग लुक देने में उन्हीं का हाथ था। प्रीतिशील और मार्क ट्रॉय डिसूजा बॉलीवुड के प्रसिद्ध प्रोस्थेटिक्स आर्टिस्ट हैं। '102 नॉटआउट' में अमिताभ और ऋषि व 'मॉम' में नवाजुद्दीन की कायापलट करने वाले वो ही थे। जूबी जोहल भी लाकप्रिय प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट हैं, जिन्होंने 'राब्ता' में राजकुमार का मेकओवर किया था।
ये नाम भी शामिल
सुभाष शिंदे भी बॉलीवुड के लोकप्रिय प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट हैं, जिन्होंने 'सरबजीत' में ऐश्वर्या राय बच्चन और 'हसीना' में श्रद्धा कपूर का लुक बदला। 'पा' में अमिताभ का हुलिया बदलने का श्रेय स्टीफन डुपुइस को जाता है, जो एक बेहद चर्चित प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्ट हैं।
ये कलाकार भी कराएंगे प्रोस्थेटिक मेकअप
फिल्म 'जवान' में शाहरुख खान को एक जवान लड़के से लेकर एक बुजुर्ग तक का किरदार करना होगा। इसके लिए प्रोस्थेटिक मेकअप की मदद ली जाएगी। 'सैम बहादुर' में भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के लुक से इंसाफ करने के लिए विक्की कौशल को भी प्रोस्थेटिक मेकअप कराना पड़ा है। फिल्म 'एमर्जेंसी' में पंकज त्रिपाठी को अटल बिहारी बाजपेयी और फिल्म 'हड्डी' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को एक ट्रांसजेंडर बनाने के लिए भी इसी तकनीक का प्रयोग हुआ है।