#NewsBytesExplainer: फिल्म निर्माण से कैसे अलग होता है वेब सीरीज का निर्माण? जानिए प्रमुख अंतर
इन दिनों दर्शक सिनेमाघरों से ज्यादा OTT प्लेटफॉर्म को पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि हर हफ्ते अलग-अलग कंटेंट स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर कई वेब सीरीज रिलीज होती हैं। लोकप्रिय फिल्म सितारे भी अब OTT के जरिए दर्शकों को लुभाने में लगे हैं। दर्शकों के साथ ही फिल्म निर्माता भी अब वेब सीरीज का रुख कर रहे हैं। आइए, समझते हैं एक फिल्म का निर्माण एक वेब सीरीज के निर्माण से कैसे अलग होता है।
क्या है फिल्म और वेब सीरीज में अंतर?
वेब सीरीज प्रमुख रूप से OTT प्लेटफॉर्म के लिए बनाई जाती हैं, जबकि फिल्में बड़े पर्दे के लिए बनती हैं। एक फीचर फिल्म की कहानी आमतौर पर 2-3 घंटे में खत्म हो जाती है, वहीं वेब सीरीज में 30-45 मिनट के कई एपिसोड होते हैं। फीचर फिल्म की स्पष्ट शुरुआत, मध्य और क्लाइमैक्स होता है, जबकि वेब सीरीज की कहानी धीमी गति से आगे बढ़ती है। अधिकांश वेब सीरीज के क्लाइमैक्स सीक्वल की संभावना के साथ खत्म होते हैं।
अलग होता है दोनों का लेखन
समय के अलावा दोनों फॉर्मैट का प्रमुख अंतर लेखन का होता है। एक फिल्म को 3 घंटे में अपने सभी सिनेमाई पक्ष रखने होते हैं। इसमें भावनाओं और संगीत को रखने के ज्यादा मौके होते हैं। भले ही वेब सीरीज कई एपिसोड में प्रसारित हों, लेकिन लेखक पर इसे हर पल रोचक बनाए रखने का दबाव होता है। हर एपिसोड का अंत एक रोचक मोड़ पर होता है, जिससे अगले एपिसोड और फिर अगले सीजन के लिए जिज्ञासा बनी रहे।
लोकेशन, क्रू और सेट
भले ही वेब सीरीज एक फिल्म के मुकाबले काफी लंबी होती है, लेकिन इसकी शूटिंग फिल्मों के मुकाबले काफी जल्दी पूरी हो जाती है। अमूमन एक फिल्म के लिए निर्माताओं को अलग-अलग लोकेशन पर शूट करना होता है, लेकिन वेब सीरीज की शूटिंग अक्सर चुनिंदा लोकेशन और सेट पर पूरी हो जाती है। क्रू के सदस्यों की संख्या भी फिल्मों के मुकाबले वेब सीरीज में काफी कम होती है।
फिल्म से कम बजट में बन जाती हैं वेब सीरीज
आमतौर पर फिल्मों का बजट वेब सीरीज से काफी अधिक होता है। मनोरंजक होने के बावजूद वेब सीरीज में सिनेमाई तत्व, कम होते हैं और ऐसे में उन्हें फिल्माने का खर्च भी कम आता है। फिल्म निर्माताओं को कई लोकेशन पर अपनी पूरी टीम के साथ आना-जाना होता है। फिल्म को बड़े पर्दे के हिसाब से शूट और एडिट करना होता है। ऐसे में कैमरे और अन्य प्रकार की तकनीकी चीजों पर भी मोटा पैसा खर्च होता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
उदाहरण के लिए हर्षद मेहता पर बनीं वेब सीरीज 'स्कैम 1992' का बजट 18-20 करोड़ रुपये का था, वहीं इसी विषय पर बनी अभिषेक बच्चन की फिल्म 'द बिग बुल' करीब 35 करोड़ में बनाई गई थी।
फिल्मों के लिए कमाई के ज्यादा मौके
कमाई की बात की जाए तो फिल्मों की कमाई के कई जरिए होते हैं। इनमें से प्रमुख जरिया बॉक्स ऑफिस, यानी फिल्मों के बिकने वाले टिकट से होता है। यही वजह है कि निर्माता फिल्मों के प्रमोशन पर खूब पैसा लगाते हैं। इसके अलावा इनके टीवी प्रीमियर, OTT राइट्स और म्यूजिक राइट्स से भी कमाई होती है। वेब सीरीज के लिए OTT स्ट्रीमिंग साइट्स से मिलने वाला पैसा ही इनकी कमाई का मुख्य जरिया होता है।
लोकप्रियता के पैमाने
जहां फिल्मों की लोकप्रियता उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से मापी जाती है, वहीं वेब सीरीज के लिए व्यूइंग आवर देखे जाते हैं। अगर किसी एक अकाउंट से कोई कंटेंट एक घंटे तक देखा जाता है तो उसे एक व्यूइंग आवर गिना जाएगा।
फिल्मों की शूटिंग होती है जटिल
शूटिंग की बात करें तो फिल्मों की शूटिंग की प्रक्रिया वेब सीरीज से ज्यादा जटिल होती है। फिल्मों में ग्लैमर, डांस, एक्शन हर तरह के तत्व मिलते हैं। इन्हें फिल्माने के लिए अलग विशेषज्ञ, जैसे कोरियोग्राफर, एक्शन डायरेक्टर, आदि टीम में शामिल होते हैं। इनकी भी अपनी एक टीम होती है। वेब सीरीज की शूटिंग में एक दिन में कई दृश्य पूरे कर लिए जाते हैं, जबकि फिल्मों में एक दिन में कुछ ही दृश्य शूट हो पाते हैं।
कंटेंट की निगरानी
फिल्मों और वेब सीरीज के बीच सबसे महत्वपूर्ण फर्क कंटेंट की निगरानी का है। फिल्मों के ट्रेलर को भी सिनेमाघरों में दिखाने से पहले सेंसर बोर्ड की जांच से गुजरना पड़ता है। सेंसर बोर्ड फिल्मों से आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों की छंटनी करके उन्हें A, U/A और U सर्टिफिकेट देता है। OTT पर आने वाले कंटेंट के लिए कोई नियामक नहीं है। यही वजह है कि वेब सीरीज में इंटिमेट सीन, गालियां और हिंसा खुलेआम दिखाई जाती है।
यह भी रहे ध्यान
हालांकि, बात चाहे बजट की हो, शूटिंग की या टीम की, बढ़ते प्रयोग के साथ इनको लेकर कोई तय नियम नहीं हैं। इन दिनों निर्माता वेब सीरीज में भी प्रयोग कर रहे हैं। वेब सीरीज में फिल्मों की तरह बड़े-बड़े सेट दिखाई दे रहे हैं। यही वजह है कि कुछ समय पहले संजय लीला भंसाली ने अपनी वेब सीरीज 'हीरामंडी' के बारे में कहा था कि उन्हें लग रहा है कि वह 8 अलग-अलग फिल्में बना रहे हैं।