#NewsBytesExplainer: फिल्मफेयर पुरस्कारों की शुरुआत कब हुई, किसे मिला पहली बार पुरस्कार? जानिए पूरा इतिहास
क्या है खबर?
फिल्मी दुनिया में कई बड़े पुरस्कार समारोहों का आयोजन होता है। उन्हीं में से एक फिल्मफेयर भी है, जिसका सिनेमा जगत से लेकर दर्शकों तक को बेसब्री से इंतजार होता है।
अगर आप सिनेप्रेमी हैं तो बेशक आपने इस पुरस्कार समारोह के बारे में सुना होगा। 27 अप्रैल को मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में इसका आयोजन होने वाला है, जिसकी मेजबानी सलमान खान भी करने वाले हैं।
आइए फिल्मफेयर पुरस्कारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शुरुआत
1954 में हुई थी शुरुआत
इस पुरस्कार समारोह का आयोजन हर साल होता है। यह भारत में सबसे प्रसिद्ध फिल्म आयोजनों में से एक है। फिल्मफेयर पुरस्कारों के जरिए सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्मों और कलाकारों को सम्मानित किया जाता है।
पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में 1954 में द टाइम्स ग्रुप की फिल्मफेयर पत्रिका द्वारा ये पुरस्कार पेश किए गए थे।
शुरुआत में टाइम्स ग्रुप की एडिटर क्लेयर मैन्डोन्का के नाम पर फिल्मफेयर पुरस्कार को क्लेयर अवॉर्ड के नाम से जाना जाता था।
पहला मौका
पहली बार किस फिल्म को मिला फिल्मफेयर?
पहली बार यह पुरस्कार 5 श्रेणियों में प्रदान किए गए थे। इन श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ म्यूजिक डायरेक्टर का पुरस्कार शामिल है।
पहली बार फिल्मफेयर पुरस्कार फिल्म 'दो बीघा जमीन' को मिला था।
'दाग' के लिए दिलीप कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया था। मीना कुमारी को फिल्म 'बैजू बावरा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया था। नौशाद अली को 'बैजू बावरा' के लिए सर्वश्रेष्ठ म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
निमंत्रण
ग्रेगरी पेक को मिला था समारोह का न्योता
हॉलीवुड स्टार ग्रेगरी पेक को पहली बार समारोह में आमंत्रित किया गया था। कोलंबो में उड़ान में देरी की वजह से वह मुंबई थिएटर में आयोजित समारोह में नहीं पहुंच सके। वह इसके बाद पहुंचे और मुंबई के वेलिंगटन क्लब में हुए भोज में शामिल हुए।
फिल्मी दुनिया में फिल्मफेयर पुरस्कार बहुत प्रतिष्ठित माने जाते रहे हैं। 2017 में फिल्मफेयर पुरस्कारों में शॉर्ट फिल्मों की श्रेणी शुरू की गई। विद्या बालन और गौरी शिंदे को एक्सपर्ट कमेटी में रखा गया।
प्रक्रिया
कैसे होता है विजेताओं का चयन?
फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए 1956 में ड्यूअल वोटिंग सिस्टम लागू किया गया। पहले राष्ट्रीय पुरस्कारों की तरह यह पुरस्कार केवल एक्सपर्ट पैनल की सिफारिश पर दिया जाता था। 1956 से इसमें पब्लिक वोट को भी शामिल कर लिया गया, जो अभी तक लागू है।
समारोह से कुछ दिन पहले फिल्म और कलाकारों के नामिनेशन के आधार पर पब्लिक से वोट करने को कहा जाता है। वोट के जरिए विजेताओं को लेकर फाेन या ईमेल पर उनकी राय मांगी जाती है।
जानकारी
विजेताओं के नामों की घोषणा
आखिर में एक्सपर्ट कमेटी के साथ ही पब्लिक वोटिंग के आधार पर फिल्मफेयर पुरस्कारों के विजेताओं के नाम घोषित कर दिए जाते हैं। इसके बाद समारोह का आयोजन होता है और इसके रिकॉर्डेड वर्जन का प्रसारण टीवी पर कर दिया जाता है।
रद्द
इतने लंबे सफर में केवल 2 बार नहीं हो पाया समारोह
1954 से लेकर 2023 तक के सफर में ऐसा 2 बार हुआ जब यह समारोह नहीं हो सका।
1985 के पुरस्कारों को 1986 में दिया जाना था, लेकिन उसी साल महाराष्ट्र सरकार की फिल्म इंडस्ट्री से कुछ मुद्दों पर तन गई। इंडस्ट्री वालों ने हड़ताल कर दी। दिसंबर, 1986 में प्रोग्राम शेड्यूल किया गया, लेकिन यह तब भी नहीं हो सका। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसे निरस्त कर दिया गया। जनवरी, 1987 में यह समारोह हो सका।
माध्यम
कलर्स चैनल पर होता है समारोह का प्रसारण
1990 के दशक में फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह का टीवी पर सीधा प्रसारण होता था। इसके बाद कुछ कारणों की वजह से इस पर रोक लग गई और यह बंद हो गया।
साल 2000 से लेकर 2017 तक सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर इसके रिकॉर्डेड एपिसोड दिखाए गए। इन्हें देखने के लिए लोगों में बड़ा उत्साह देखने को मिलता था।
2018 के बाद कलर्स चैनल पर इसका रिकॉर्डेड वर्जन दिखाया गया, जो अब भी जारी है।
संख्या
इस फिल्म को मिले हैं सबसे ज्यादा फिल्मफेयर पुरस्कार
रणवीर सिंह की फिल्म 'गली बॉय' को सबसे ज्यादा 13 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले हैं, वहीं सबसे ज्यादा 19 नामिनेशन 'रंग दे बसंती' के नाम हैं। किसी भी पुरुष को सबसे ज्यादा फिल्मफेयर पुरस्कार की बात करें तो लेखक-निर्देशक गुलजार 21 फिल्मफेयर पुरस्कारों के साथ सबसे ऊपर हैं।
बात महिला की करें तो 9 पुरस्कारों के साथ मशहूर गायिका आशा भोसले पहले स्थान पर हैं। म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में एआर रहमान ने सबसे ज्यादा 10 बार यह पुरस्कार जीता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
अब फिल्मफेयर पुरस्कार हिंदी फिल्मों के अलावा अन्य भाषाओं के लिए भी दिए जा रहे हैं। ये वह भाषाएं हैं, जिनमें भारत में बड़े पैमाने पर फिल्में बनती हैं और खूब कमाई करती हैं। इसमें दक्षिण भारतीय और पंजाबी भाषा की फिल्में भी शामिल हैं।
रेड कार्पेट
पुरस्कार समारोह में रेड कार्पेट लगाता है चार चांद
फिल्मफेयर पुरस्कारों से पहले रेड कार्पेट बिछाया जाता है, जहां रेड कार्पेट सेगमेंट होता है। यह दर्शकों के लिए एक बड़े आकर्षण का केंद्र रहता है।
दरअसल, इस पुरस्कार समारोह में शिरकत करने के लिए दिग्गज कलाकार, निर्माता-निर्देशक पहुंचते हैं, जहां उनका एक छोटा सा इंटरव्यू होता है।
उनसे अक्सर पुरस्कार विजेताओं के नाम का अनुमान लगाने को कहा जाता है। वे अपनी ओर से अनुमान लगाते हैं कि समारोह के दौरान कौन-कौन विजेता बन सकता है और क्यों।
अन्य पुरस्कार
पुरस्कार, जो बंद कर दिए गए
फिल्मफेयर के कुछ पुरस्कार ऐसे भी रहे, जो कुछ साल दिए गए और बाद में उन्हें बंद कर दिया गया। ये पुरस्कार थे- बेस्ट सीन ऑफ द ईयर अवॉर्ड, पावर अवॉर्ड और बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवॉर्ड।
बेस्ट सीन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 1998 से लेकर 2012 तक दिया गया।
पावर अवॉर्ड 2003 से लेकर 2007 तक यानी कुल 4 साल तक दिया गया।
बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवॉेर्ड 1967 से लेकर 1997 तक प्रदान किया गया।
जानकारी
...जब पहली बार मुंबई से बाहर हुआ समारोह का आयोजन
2020 में 65वें फिल्मफेयर पुरस्कार असम की राजधानी गुवाहाटी में समारोह आयोजित किया गया। इन पुरस्कारों के सफर में यह पहली बार था कि कोई समारोह मुंबई से बाहर आयोजित किया गया था। उस साल पुरस्कार समारोह को जाने-माने निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने होस्ट किया।
ट्रॉफी
फिल्मफेयर की ट्रॉफी कहलाती है 'ब्लैक लेडी'
फिल्मफेयर पुरस्कार के रूप में जो ट्रॉफी दी जाती है, उसे 'ब्लैक लेडी' कहा जाता है। इसे टाइम्स ऑफ इंडिया के कला निर्देशक वाल्टर लैंगहैमर की देख-रेख में एनजी पानसरे ने डिजाइन किया था।
यह आमतौर पर ब्रॉन्ज से बनी होती है। इसकी ऊंचाई 46.5 सेंटीमीटर तो वजन लगभग 5 किलो होता है। फिल्मफेयर पुरस्कारों के 25वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए ट्रॉफी को चांदी से और 50वें समारोह के मौके पर ट्रॉफी सोने से बनाई गई थी।
जानकारी
अब कौन करता है डिजाइन?
2000 से द अवॉर्ड गैलरी फिल्मफेयर की ट्रॉफी डिजाइन कर रही है। 2012 तक ट्रॉफी में कुछेक बदलाव ही किए गए थे, लेकिन 2013 में आज की तकनीक के हिसाब से ट्रॉफी को 3D और आकर्षक लुक देने के लिए इसमें बड़े बदलाव किए गए।