नेटफ्लिक्स की पहली पाकिस्तानी ओरिजिनल सीरीज में दिखेंगे फवाद और माहिरा, सनम भी होंगी शामिल
क्या है खबर?
भारत में पाकिस्तानी ड्रामे काफी मशहूर हैं। पिछले कुछ समय में तेजी से देश के लोगों का रुझान इनकी ओर बढ़ा है।
फवाद खान और माहिरा खान का शो 'हमसफर' लोगों को काफी पसंद आया था और अब इसके प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर सामने आई है।
दरअसल, नेटफ्लिक्स माहिरा और फवाद के साथ अपनी पहली पाकिस्तानी ओरिजिनल सीरीज 'जो बचाए हैं संग समेट लो' लाने की तैयारी में है।
ऐसे में दोनों सितारे एक बार फिर साथ नजर आएंगे।
विस्तार
फरहत इश्तियाक के उपन्यास पर आधारित है सीरीज
वैरायटी की रिपोर्ट के अनुसार, 'जो बचाए हैं संग समेट लो' की कहानी इसी नाम के उर्दू उपन्यास से ली गई है, जिसे फरहत इश्तियाक ने लिखा है। यह 2013 का सबसे ज्यादा बिकने वाले उपन्यास है।
'हमसफर' और 'मेरे हमदम मेरे दोस्त' जैसे कई उल्लेखनीय शो भी इश्तियाक के उपन्यास पर ही बने हैं।
'चांद तारा' और 'फेयरीटेल' जैसे शो के लिए मशहूर मोमिना दुरैद इस सीरीज को दुबई स्थित अपने प्रोडक्शन हाउस से निर्मित करेंगी।
कहानी
ऐसी होगी कहानी
इस सीरीज की कहानी सिकंदर और लिजा के इर्द-गिर्द घूमेगी, जिनकी नियति आपस में जुड़ी हुई है।
सिकंदर हार्वर्ड में कानून की पढ़ाई कर रहा है, जिसकी जिंदगी एक घटना के बाद बदल जाती है और लिजा अपने अतीत से जूझ रही है।
यह शो इटली की पृष्ठभूमि पर आधारित है और दोनों की मुलाकात भी इटली में ही होती है।
इस सीरीज के कुछ हिस्से की शूटिंग यूके और पाकिस्तान में भी की गई है।
कास्ट
सीरीज में शामिल होंगे ये सितारे
सीरीज में फवाद और माहिरा के अलावा सनम सईद, अहद रजा मीर , हमजा अली अब्बासी, हानिया आमिर, नादिया जमील और समीना अहमद सहित कई सितारे शामिल होंगे।
फवाद और माहिरा बीते दिनों अपनी फिल्म 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट' को लेकर सुर्खियों में बने रहे थे।
मीर नेटफ्लिक्स के 'रेजिडेंट ईविल' और BBC के 'वर्ल्ड ऑन फायर' में अपनी भूमिकाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल कर चुके हैं, वहीं सनम 'जिंदगी गुलजार है' में दिखाई दी थीं।
आंकड़े
नेटफ्लिक्स के पाकिस्तान में सब्सक्राइबर केवल 3 लाख
क्रुक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेटफ्लिक्स के 23.2 करोड़ सब्सक्राइबर में से लगभग 3 लाख ही केवल पाकिस्तान से आते हैं।
रिपोर्ट में नेटफ्लिक्स के लिए पाकिस्तानी के लिए ओरिजिनल कंटेंट का निर्माण न करने की वजह भी बताई गई है।
इसमें पाकिस्तानी निर्माताओं और लेखकों की ओर से ज्यादा पैसों की मांग करना भी शामिल है।
यूट्यूब पर पाकिस्तानी ड्रामे और फिल्मों की मौजूदगी के कारण भी नेटफ्लिक्स के सब्सक्रिप्शन की मांग में कमी बताई गई है।