नेटफ्लिक्स और अमेजन सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अब तंबाकू सीन्स में देनी होगी चेतावनी
क्या है खबर?
कोरोना काल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के दर्शक काफी बढ़े हैं। ऐसे में इस पर दिखाए जाने वाले हर कॉन्टेंट पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार के मुताबिक अब नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन ही होंगे। जिसके बाद अब कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
इसके मुताबिक, अब डिजिटल वीडियोज में भी तंबाकू या मादक सीन्स के लिए खासतौर पर चेतावनी देनी पड़ सकती है।
बयान
मादक पदार्थों के सीन्स देखने से इसके इस्तेमाल में भी वृद्धि होती है- अधिकारी
द प्रिंट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ऐसे दिशा-निर्देशों की लिस्ट तैयार कर रहा है जो प्लेटफॉर्म्स के लिए चेतावनी तैयार करेंगे। यह बिल्कुल वैसा होगा जैसे सिनेमाघरों में देखते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है पारंपरिक सिनेमाघरों में पहले ही इस नियम का पालन किया जा रहा है। जबकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। उनका कहना है कि इस तरह मादक पदार्थों के सेवन को दिखाने से इसके इस्तेमाल की भी संभावना बढ़ती है।
बयान
आवश्यक प्रावधानों पर चल रहा है काम- प्रवक्ता
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता मनीषा वर्मा ने कहा, "हालांकि, OTT पर तंबाकू से जुड़ा कोई विज्ञापन नहीं होता, लेकिन इस पर दिखाए जाने वाले कंटेट में बिना किसी चेतावनी के तंबाकू के सीन्स देखे गए हैं। फिलहाल हम आवश्यक प्रावधानों पर काम कर रहे हैं।"
मंजूरी
CBFC की मंजूरी अनिवार्य
सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (COTPA) 2012 के अनुसार, किसी भी फिल्म या टीवी सीरियल में तंबाकू उत्पादों या उसके किसी तरह से किए गए इस्तेमाल को केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड (CBFC) के सामने इसे इस्तेमाल करने का ठोस और उचित कारण बताना आवश्यक होगा।
इसके बाद अगर CBFC की ओर से मंजूरी दे दी जाती है तो मेकर्स को इस सीन में ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर के साथ तंबाकू विरोधी चेतावनी चलानी अनिवार्य होती है।
आंकड़े
तंबाकू उपभोग के मामले में दूसरे नंबर पर है भारत
भारत में 27 करोड़ से ज्यादा तंबाकू के खरीददार हैं। इस मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। तंबाकू के कारण हर दिन 3,500 लोग मरते है, जबकि साल में 1.28 लाख लोग इससे जान गवां देते हैं।
सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अपनी सलाह में कह चुका है कि तंबाकू कुछ गैर-संक्रामक रोगों के लिए खतरनाक है। जो कोरोना के मरीजों को गंभीर बीमारी विकसित करने के लिए और संवेदनशील बनाता है।