'मिसेज' को बैन करने की उठी थी मांग, फिल्म के निर्माता हरमन बावेजा ने दिया जवाब
क्या है खबर?
सान्या मल्होत्रा की फिल्म 'मिसेज' जब से रिलीज हुई है, यह चर्चा में बनी हुई है
पिछले दिनों पुरुषों के हक के लिए आवाज उठाने वाले संगठन SIFF (सेव इंडियन फैमिली फॉउंडेशन) ने फिल्म पर आरोप लगाया कि ये महिलाओं में गलत विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। लिहाजा संगठन ने इसका विरोध किया और इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
अब फिल्म के निर्माता हरमन बावेजा ने इस पर चुप्पी तोड़ दी है।
पोस्ट
SIFF ने लगाया था ये आराेप
SIFF ने एक्स पर लिखा था, 'पुरुष 8-9 घंटों तक रेलवे स्टेशन, कंस्ट्रक्शन साइट, पुलिस स्टेशन, फैक्ट्री आदि में काम करते हैं। महिलाओं को लगता है कि काम करने की जगह का मतलब बस AC लगे हुए ऑफिस होते हैं। वो रेलवे साइट पर काम करने को काम नहीं समझतीं। एक खुशहाल युवा महिला खाना बनाने, बर्तन धोने, कपड़े धोने और अपने ससुर की सेवा करने में प्रताड़ित महसूस कर रही है। फिल्म खतरनाक नारीवाद को बढ़ावा दे रही है।'
उद्देश्य
क्या था निर्माता का फिल्म बनाने का मकसद?
हरमन बावेजा ने न्यूज 18 से कहा, "मुझे ट्रोलिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। बस ये कहूंगा कि हमारी ये फिल्म पुरुष विरोधी नहीं है। अगर किसी फिल्म में एक महिला या पुरुष का किरदार ऐसा है तो इसका मतलब यह नहीं कि सारे पुरुष और महिलाएं ऐसे ही हैं। हमारा किसी को बदनाम करने का इरादा नहीं था, बल्कि इस पर एक बढ़िया बहस शुरू करना था। मैं चाहता था कि फिल्म दर्शकों के जहन में रह जाए।"
दो टूक
फिल्म को अलग-थलग करके न देखें- हरमन
हरमन बोले, "हमें यह समझने की जरूरत है कि फिल्म 'मिसेज' एक विशेष महिला की कहानी है और कई महिलाएं इससे खुद को जोड़ पाई हैं। ऐसे लोग भी होंगे, जो मुझे लगता है कि विकसित परिवारों से हैं और फिल्म से जुड़ाव महसूस न करें, लेकिन वो इसे समझते हैं, क्योंकि उन्होंने इसे अपनी मांआं के साथ ऐसा होते देखा है। फिल्म को सबके नजरिए से देखना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण यही है कि इसे अलग-थलग करके न देखा जाए।"
रीमेक
मलयालम फिल्म 'द ग्रेट इंडियन किचन' का हिंदी रीमेक है 'मिसेज'
'मिसेज' मलयालम फिल्म 'द ग्रेट इंडियन किचन' पर आधारित है। इस फिल्म में एक घरेलू महिला की स्थिति पर रोशनी डाली गई है, जिसे दर्शकों और समीक्षकों का ढेर सारा प्यार मिला है।
इसकी कहानी हर महिला को अपनी सी लगी है, तभी तो जब SIFF ने फिल्म का विरोध किया था तो कई महिलाएं सोशल मीडिया पर फिल्म के बचाव में कूद पड़ी थीं।
आरती कडव के निर्देशन में बनी इस फिल्म के निर्माता और लेखकर हरमन हैं।
संगठन
SIFF के बारे में भी जान लीजिए
पुरुषों के अधिकारों के लिए बिखरे पड़े आंदोलन को सहेजने के लिए याहू ने मार्च, 2005 में एक संगठन बनाया और नाम रखा सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन(SIFF)।
इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ने लगी कि पुरुषों के अधिकार के लिए काम करने वाले कई NGO इस संगठन से जुड़े।
संगठन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया, जहां पीड़ित पुरुष अपनी शिकायत कर सकते थे।
फिलहाल SIFF के साथ भारत, अमेरिका, ब्रिटेन UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया के कुल 50 NGO काम कर रहे हैं।