#NewsBytesExplainer: कौन होते हैं फोली कलाकार, फिल्म निर्माण में क्या होती है इनकी भूमिका?
भारतीय सिनेमा ने 1931 में आलम आरा के साथ बोलना सीखा था। ऐसे में जब सिनेमा को आवाज मिली तो इसके महत्व के बारे में पता चला, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर फिल्म में कलाकारों के अलावा किसी की आवाज ही न आए तो क्या होगा? अगर ऐसा हुआ तो दर्शक फिल्म से जुड़ाव महसूस नहीं करेंगे। ऐसे में फोली कलाकार काम आते हैं और फिल्म निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए इनके बारे में जानें।
क्या होती है फोली आर्ट?
फोली आर्ट फिल्म निर्माण के दौरान का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके बारे में कम लोग जानते हैं। इसमें फिल्म की शूटिंग के दौरान सीन में आई हर चीज की आवाज को डब किया जाता है, ताकि सीन पूरी तरह से असली लगे। फिल्म में किरदारों की आवाज के अलावा जितनी भी आवाजें होती हैं, जैसे पैदल चलने की, दरवाजा खुलने या कुर्सी सरकने की, बारिश या तलवारों के टकराने की, ये सभी इसी आर्ट के जरिए निकाली जाती हैं।
कैसे काम करते हैं फोली कलाकार?
फोली आर्ट को एक कमरे में किया जाता है, जिसमें पुराने जूते चप्पल, पेड़ों के पत्ते, रस्सी, कपड़े और कई तरह के सामान रखे होते हैं। इन सभी चीजों का इस्तेमाल करके जो लोग फिल्म में रियल साउंड इफेक्ट देते हैं, उन्हें फोली कलाकार कहा जाता है। ये काम शूटिंग खत्म होने के बाद पोस्ट-प्रोडक्शन में किया जाता है। केवल फिल्में ही नहीं, वीडियो गेम और अन्य वीडियो के लिए भी यह काम किया जाता है।
ऐसे समझें
फोली स्टूडियो में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों का प्रयोग करके साउंड इफेक्ट्स तैयार किए जाते हैं। बारिश की टप-टप आवाज निकालने के लिए कलाकार स्टूडियो में शक्कर के दानों को एक खास अंदाज में ऐसी जगह पर गिराते हैं कि उससे एकदम बारिश जैसी आवाज निकलती है। इसके अलावा घोड़े के दौड़ने का सीन है तो उसके पैरों की आवाज भी स्टूडियो में रिकॉर्ड होती है क्योंकि शूटिंग के दौरान इन आवाजों को रिकॉर्ड करना संभव नहीं होता।
वीडियो देखकर समझें
क्या है इसका महत्व?
आजकल बिना फोली आर्ट के किसी बॉलीवुड या हॉलीवुड फिल्म को बनाना संभव ही नहीं है। फोली आर्ट जहां एक ओर दर्शकों को फिल्म से जोड़ती है तो यह हर सीन को असली बना देती है। जैसे किसी सीन में रात के अंधेरे में कोई चलकर आता हुआ दिख रहा है तो अगर ऐसे में उसके पैरों की आवाज नहीं आएगी तो सीन बेकार लगेगा इसलिए उसके पैरों की आवाज को रिकॉर्ड कर बाद में फिल्म में लगाया जाता है।
ये हैं बॉलीवुड के सबसे मशहूर फोली आर्टिस्ट
इंडस्ट्री के सबसे बड़े फोली कलाकार करण अर्जुन सिंह हैं, जो 12 साल की उम्र से यह काम कर रहे हैं। उन्होंने 'कृष 3', 'बाहुबली', 'दंगल', 'सुल्तान', 'गोलमाल अगेन', 'टाइगर जिंदा' है जैसी कई बड़ी फिल्मों से फोली कलाकार के तौर पर काम किया है। इसके अलावा वह 'दिल्ली क्राइम' और 'पाताल लोक' जैसी मशहूर वेब सीरीज का भी हिस्सा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी 'सर्कस' में काम किया था।
एक फिल्म के लिए कितनी मिलती है फीस?
दैनिक भास्कर से बातचीत में फोली कलाकार अर्जुन ने बताया था कि फीस के मामले में अब हालात काफी बदल गए हैं। उन्होंने कहा, "मुझे पहली फिल्म के लिए 100 रुपये फीस मिली थी क्योंकि उस दौरान एक फिल्म के लिए 3,000 रुपये ही मिलते थे, जिन्हें सबको बांटा जाता था।" उन्होंने कहा, "अब हम एक फिल्म के लिए 3 से 4 लाख रुपये लेते हैं और ऐसे में मेरी फीस एक फिल्म के लिए 1-2 लाख रुपये होती है।"