भारत में कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर क्या कानून हैं?
क्या है खबर?
कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के वीडियो को लेकर कानूनी परेशानी में है।
यात्रा के दो वीडियो में फिल्म 'KGF-2' के गानों के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप है और राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है।
मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने कांग्रेस का ट्विटर अकाउंट अस्थाई रूप से बंद करने का आदेश भी जारी किया है।
ऐसे में आइए समझते हैं भारत में कॉपीराइट को लेकर क्या कानून है।
मामला
सबसे पहले जानें क्या है मामला
कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर भारत जोड़ो यात्रा के दो प्रमोशनल वीडियो शेयर किए गए थे जिनमें 'KGF-2' के म्यूजिक और गानों का इस्तेमाल किया गया है।
इन वीडियो में खुद राहुल नजर आ रहे हैं, साथ ही भारत जोड़ो यात्रा के लोगो का भी इस्तेमाल किया गया है।
'KGF' के इस गाने के राइट्स बेंगलुरु की MRT म्यूजिक कंपनी के पास हैं। इस कंपनी ने ही नेताओं के खिलाफ FIR और अदालत में मामला दर्ज कराया है।
कॉपीराइट
क्या होता है कॉपीराइट?
कॉपीराइट एक कानूनी अधिकार है जो किसी भी रचयिता को उसकी मूल रचना का स्वामित्व (ओनरशिप) देता है। इसका मतलब है कि वह रचना केवल रचयिता की होती है और उसकी इजाजत के बिना इसका इस्तेमाल करना वर्जित है।
किसी भी तरह की मूल रचना, कहानी, कविता, किताब, गीत-संगीत, फिल्म और कंप्यूटर प्रोग्राम तक में निर्माता के पास अपने काम का कॉपीराइट होता है। उसकी इजाजत के बिना उसकी रचना का इस्तेमाल चोरी की श्रेणी में आता है।
कॉपीराइट एक्ट 1957
क्या कहता है भारत का कानून?
कॉपीराइट एक्ट 1957 किसी रचयिता की बौद्धिक संपदा (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) के अधिकार के संरक्षण के लिए बनाया गया था।
इसमें लेखन, ड्रामा, संगीत, कला, फिल्म और साउंड रिकॉर्डिंग के स्वामित्व के संरक्षण का प्रावधान किया गया है।
मूल प्रति के इस्तेमाल, रीमेक या संचार के लिए बिना इजाजत या बिना श्रेय के किसी की रचना का इस्तेमाल कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाता है।
बेहतर संरक्षण के लिए रचयिता अपने काम का रजिस्ट्रार ऑफ कॉपीराइट्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
इनफॉर्मेशन एंड टेक्नॉलोजी एक्ट (2000)
कंटेंट चोरी को रोकने में क्या है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी?
सोशल मीडिया के दौर में अपनी मूल रचना को चोरी होने से बचाना एक मुश्किल काम है।
इनफॉर्मेशन एंड टेक्नॉलोजी एक्ट (2000) इस समस्या को संज्ञान में लेता है।
इस एक्ट के सेक्शन 79 के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी यूजर के द्वारा किसी और की रचना को शेयर करने का जिम्मेदार नहीं होगा।
हालांकि, अगर ऐसा कोई कंटेंट शेयर किया जाता है तो यह प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है कि वह उस कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दे।
सोशल मीडिया
क्या रील्स में गाने लगाकर आप कर रहे हैं कानून का उल्लंघन?
इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म जो रील्स और शॉर्ट्स में गाने लगाने का विकल्प देते हैं, उनके पास अपना इनबिल्ट म्यूजिक कैटेलॉग होता है। इस कैटेलॉग में मौजूद गानों के लिए ये प्लेटफॉर्म खुद इन रचनाओं के मालिक से अधिकार लेते हैं।
हालांकि, अगर आप इस कैटेलॉग से गाना न लेकर खुद किसी वीडियो में गाना डालकर शेयर कर रहे हैं तो आप कॉपीराइट का उल्लंघन कर रहे हैं और प्लेटफॉर्म आपके कंटेंट को हटा सकता है।
जरूरी बात
जरूरी नहीं रचयिता ही कंटेंट का मालिक भी हो
जब कोई गाना किसी म्यूजिक कंपनी के तहत बनाया जाता है तो उसका अधिकार उस कंपनी के पास होता है। इसी तरह किताबों का अधिकार प्रकाशक के पास होता है।
ऐसे में अगर म्यूजिक कंपनी या प्रकाशक किसी को उस कंटेंट के इस्तेमाल करने का अधिकार दे दें तो संगीतकार या लेखक उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
हाल में 'मैंने पायल है छनकाई' गाने के रीमेक को लेकर भी कुछ ऐसा ही हुआ था।