टाइटन त्रासदी पर बोले जेम्स कैमरून, डाइनामाइट के 10 बक्से फटने जितना भयावह होगा विस्फोट
पनडुब्बी 'टाइटन' की खोज गुरुवार को एक दुखद खबर के साथ खत्म हो गई। 4 दिन की उम्मीदों के बाद गुरुवार को बचाव दल ने पनडुब्बी में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। 'टाइटन' पर्यटकों को अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज के मलबे दिखाने ले गई थी। पनडुब्बी 18 जून से लापता थी और कई देशों के गोताखोर इसकी खोजबीन में जुटे थे। 'टाइटैनिक' के निर्देशक जेम्स कैमरून ने अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया है।
4 दिन से दी जा रही थी झूठी उम्मीद
जेम्स कैमरून ने 1997 में टाइटैनिक जहाज के डूबने की घटना पर फिल्म बनाई थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए कहा, "इस खबर ने उन्हें हैरान नहीं किया है। पनडुब्बी में सवार लोगों को 4 दिन से झूठी उम्मीद दी जा रही थी। यह किसी लंबे डरावने सपने जैसा है।" उन्होंने इस पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशनगेट पर लापरवाही के लिए नाराजगी भी जाहिर की।
'टाइटन' में सावर थे कैमरून के दोस्त
'टाइटन' में सवार पॉल-हेनरी कैमरून के दोस्त थे। दोनों 25 सालों से एक-दूसरे के करीब थे। कैमरून का कहना है कि इस त्रासदी को स्वीकार कर पाना नामुमकिन है। कैमरून ने कहा कि समुद्री खोजबीन से जुड़ी कई संस्थाओं ने ओशनगेट एक्सपेडिशन को चेताया था कि वह जो कर रहे हैं वह प्रयोग जैसा है। यह अपनी तरह का पहला हादसा है और लोगों को इस पनडुब्बी की खामियों के बारे में पता था।
'टाइटैनिक' भी लापरवाही के कारण डूबा था
उन्होंने दुख के साथ 'टाइटैनिक' और 'टाइटन' हादसे की समानता पर हैरानी जताई। 'टाइटैनिक' के कैप्टन को बार-बार सामने मौजूद हिमखंड (आइसबर्ग) के लिए आगाह किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि यह कंपनी की लापरवाही थी कि उन्होंने उन मासूम लोगों की जान को खतरे में डाला जिन्होंने उन पर विश्वास किया था। बता दें हादसे में मारे गए 5 लोगों में से एक ओशनगेट के CEO स्टॉकटन रश भी शामिल हैं।
कैमरून ने बताईं तकनीकि खामियां
कैमरून ने इसकी तकनीकि पहलू पर बात करते हुए कहा कि 'टाइटन' में हुआ विस्फोट काफी भयावह होगा। यह डाइनामाइट से भरे 10 बक्से के फटने जैसा होगा। पनडुब्बी की डिजाइन में मौजूद कार्बन-फाइबर इसकी कमजोरी थी। गहरे समुद्र में जाने के लिए यह उचित नहीं है क्योंकि दबाव में इसमें कोई शक्ति नहीं रहती है। उन्होंने पनडुब्बी में लगे सेंसर पर कहा कि इसका कोई फायदा नहीं था क्योंकि यह विस्फोट से कुछ समय पहले ही संकेत देता।
न्यूजबाइट्स प्लस
कैमरून मशहूर फिल्म निर्माता होने के साथ अच्छे समुद्री खोजकर्ता भी हैं। वह 33 बार टाइटैनिक के मलबे तक जा चुके हैं। उन्होंने धरती के सबसे गहरे बिंदु मरियाना ट्रेंच की भी यात्रा की है।
कब और कैसे गायब हो गई थी पनडुब्बी?
पनडुब्बी ने रविवार को कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट के पास समुद्र में गोता लगाया था। अमेरिकी तटरक्षक के मुताबिक, गोता लगाने के करीब 1 घंटे 45 मिनट बाद पनडुब्बी का इसके सहायक जहाज पोलर प्रिंस से संपर्क टूट गया। अमेरिकी तट रक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट इसकी खोज कर रहे थे। अब टाइटैनिक जहाज के मलबे से 1,600 फीट नीचे टाइटन का मलबा मिला है। इसमें 5 लोग सवार थे।