क्या डिजिटल कंटेट पर भी चलेगी सेंसर बोर्ड की कैंची? प्रसारण मंत्रालय कर रहा तैयारी
डिजिटल मीडियम पिछले कुछ सालों से युवाओं का मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम साबित हुआ है। डिजिटल कंटेट का अनफिल्टर्ड और बेपरवाह होना इसकी लोकप्रियता का सबसे कारण है। हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि इस तरह का कंटेट बनाने की आजादी खतरे में पड़ने वाली है। दरअसल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ऑनलाइन कंटेट को सेंसरशिप के अधीन लाने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो भारतीय वेब ओरिजिनिल सीरीज़ को भी सेंसर सर्टिफिकेशन दिया जाएगा।
इस कारण हो रहा है सेंसरशिप का विचार
अगर ऐसा हो जाता है तो फिल्मों की तरह ही नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के कंटेट पर कई गजहों पर बीप सुनाई देगी। मालूम हो कि फिल्मों में अभद्र शब्द की जगह बीप सुनाई देती है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल कंटेट पर सेंसर सर्टिफिकेशन का विचार सोशल मीडिया पर उठाई गईं मांगों के बाद लिया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया यूज़र के एक वर्ग ने #BanNetflix की मांग की थी।
'ऑनलाइन शोज़ से दुनिया में बन रही भारत की गलत छवि'
#BanNetflix की मांग करने वाले यूज़र्स का कहना है कि इसमें स्ट्रीम हो रहे शोज़ और फिल्मों से दुनिया में भारत की गलत छवि बनती जा रही है। क्योंकि इनमें हिन्दू धर्म की छवि सही नहीं दिखाई जाती। जानकारी के लिए बता दें कि इसकी शुरुआत तब हुई जब रमेश एन सोलंकी ने मुंबई के एक पुलिस स्टेशन में इसको लेकर शिकायत दर्ज करवाई। मिली जानकारी के मुताबिक, रमेश एक समाजिक कार्यकर्ता, हिंदू कार्यकर्ता और आईटी सेल के सदस्य हैं।
वैश्विक स्तर पर भारत की खराब छवि प्रदर्शित करने की कोशिश- शिकायतकर्ता
अपनी शिकायत में रमेश ने दावा किया कि अमेरिकी स्ट्रीमिंग दिग्गज विश्व स्तर पर हिंदुओं और भारत की गलत तस्वीरों को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस से स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ "आवश्यक कानूनी कार्रवाई" करने का आग्रह किया। शिकायत में कहा गया है कि नेटफ्लिक्स इंडिया की हर सीरीज़ में वैश्विक स्तर पर इरादतन भारत को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इससे राष्ट्र की खराब छवि प्रदर्शित होती है।