'गुड लक जेरी' रिव्यू: जेरी बनकर छा गईं जाह्नवी, कमजोर स्क्रिप्ट ने फेरा पानी
जब से अभिनेत्री जाह्नवी कपूर की क्राइम कॉमेडी 'गुड लक जेरी' का ट्रेलर रिलीज हुआ था, तभी से इस फिल्म को लेकर उत्सुकता बनी हुई थी। आखिरकार यह फिल्म डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। इसका निर्देशन सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने किया है, वहीं इसके प्रोड्यूसर आनंद एल रॉय हैं। दो घंटे की इस फिल्म में दीपक डोबरियाल, मीता वशिष्ठ, सुशांत सिंह और सौरभ सचदेव जैसे कलाकारों ने अपने अभिनय का रंग जमाया है। आइए जानें कैसी है फिल्म।
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी
फिल्म बिहार और पंजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें जाह्नवी ने एक बिहारी लड़की जेरी का किरदार अदा किया है। फिल्म में जेरी मसाज पार्लर में काम करती है, जबकि उसकी छोटी बहन छाया पढ़ाई करती है। जेरी की मां (मीता) मोमोज बनाकर परिवार का पालन-पोषण करती है। जब जेरी को पता चलता है कि उसकी मां को कैंसर हो गया है, तभी वह मां का इलाज कराने के लिए ड्रग्स के दलदल में फंस जाती है।
फिल्म को कंधे पर ढोती नजर आईं जाह्नवी
जाह्नवी के अभिनय की बात करें तो वह पूरी फिल्म को अपने कंधे पर ढोती हुई नजर आई हैं। एक बिहारी लड़की के किरदार में उन्होंने खुद को भलिभांति ढाला। उन्होंने ना सिर्फ बिहारी लहजे को पकड़ा, बल्कि अपने चाल-ढाल को भी किरदार के अनुरूप बनाया। जाह्नवी ने दुख, डर, प्यार, मासूमियत और जज्बे को अच्छे से प्रस्तुत किया है। पहली बार वह इस तरह के किरदार में दिखी हैं। उन्होंने फिल्म में जान डालने की कोशिश की है।
सहायक कलाकारों ने लीक से हटकर किया प्रदर्शन
फिल्म की खास बात यह है कि इसके सहायक कलाकारों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। चाहे ड्रग्स माफिया के किरदार में सुशांत हों या फिर सौरभ, ये दोनों खूब जमे हैं। खासकर सौरभ का मस्ती भरा अंदाज दर्शकों को जरूर पसंद आएगा। जाह्ववी की मां की भूमिका को अभिनेत्री मीता ने संवेदनशीलता के साथ निभाया है। एक मां के रूप में उनकी बॉन्डिंग जाह्नवी के साथ कमाल की लगी है। इसमें दीपक डोबरियाल का कॉमिक अवतार उभरकर सामने आया है।
कमजोर कड़ी है इसकी कहानी
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जाह्नवी ने फिल्म में बेहतर करने की कोशिश की है, लेकिन कहानी ने उनका साथ नहीं दिया। यही इसकी सबसे कमजोर कड़ी है, जिसके चलते कभी-कभार यह फिल्म आपको बोरिंग लगेगी। इसकी कहानी का पूर्वानुमान आसानी से लगाया जा सकता है, जोकि फिल्म को गर्त में डालने के लिए काफी है। यह तमिल फिल्म 'कोलामावु कोकिला' की हिंदी रीमेक है। मेकर्स इस कहानी में कोई रोचकता नहीं ला पाए।
सिद्धार्थ ने निर्देशन से किया निराश
स्क्रिप्ट की कमजोरी को बेहतर निर्देशन से ढका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिल्म से बॉलीवुड में डायरेक्टोरियल डेब्यू कर रहे सिद्धार्थ ने फैंस को निराश किया है। इसका पहला भाग तो ठीक-ठाक रहा, लेकिन इसके दूसरे भाग ने सस्पेंस को खत्म कर दिया। इसकी कहानी तेजी से सरपट दौड़ती हुई दिखी और इसने पूरे क्लाइमैक्स को बिगाड़ दिया। लोकेशंस को देखकर कहीं से भी नहीं लगता कि यह फिल्म बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित है।
फिल्म देखें या नहीं?
यदि आप OTT प्लेटफॉर्म के मिजाज की फिल्म देखना चाहते हैं, तो 'गुड लक जेरी' आपके लिए ही बनी है। जाह्नवी के फैंस के लिए यह फिल्म किसी ट्रीट से कम नहीं होगी। जो दर्शक गंभीर कहानी और रोंगटे खड़े कर देने वाली क्राइम कॉमेडी के नजरिए से फिल्म देखेंगे, तो निराशा हाथ लगेगी। बेहतर संगीत की उम्मीद रखने वालों को भी यह फिल्म रास नहीं आएगी। इसे हम पांच में से 2.5 स्टार दे रहेहैं।