CBSE 12th Result 2019: कपड़े धोने वाले की बेटी ने स्कोर किए 95%, जानें
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 02 मई, 2019 को जारी कर दिया है। साल 2019 में CBSE 12वीं में लगभग 83.4% छात्र-छात्राओं ने परीक्षा पास की है, जिसमें 79.4% लड़के, 83.3% लड़कियां और लगभग 83.3% ट्रांसजेंडर पास हुए हैं। वहीं एक कपड़े धोने वाले (धोबी) की बेटी ने CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षा 2019 में लगभग 95% नंबर स्कोर किए हैं। आइए जानें किन परेशानियों का सामना करके निधि ने स्कोर किए इतने नंबर।
निधि कन्नौजिया ने स्कोर किए 95%
एक कपड़े धोने वाले की बेटी निधि कन्नौजिया सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। इस साल यानी साल 2019 में निधि ने अपने शिक्षकों द्वारा किए गए विश्वास को सही सबित कर दिया है। निधि कन्नौजिया ने CBSE की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 95% नंबर हासिल किए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उसे वहाणी छात्रवृत्ति (Vahani Scholarship) के लिए भी चुना गया था। ये छात्रवृत्ति उसके सभी शैक्षिक खर्चे उठाएगी।
प्रेरणा गर्ल्स स्कूल से शुरू की थी अपनी पढ़ाई
निधि ने अपनी पढ़ाई प्रेरणा गर्ल्स स्कूल से शुरू की थी, लेकिन 2010 में उन्होंने उच्च स्कोर किया। जिसके बाद स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन की अध्यक्ष और CEO डॉ उर्वशी साहनी ने निधि को प्रोत्साहित किया और उन्होंने उसे उच्च और अच्छे अध्ययन के लिए स्टडी हॉल स्कूल, लखनऊ में प्रवेश दिया। जहां उन्होंने अच्छे छात्रों और शिक्षकों के बीच के बीच अपनी पढ़ाई की।
आर्थिक रुप से पिछड़े परिवार से हैं निधि
निधि का जन्म और पालन-पोषण लखनऊ में हुआ था, लेकिन वह बाराबंकी के पास एक छोटे से गाँव हरख की रहने वाली हैं। उसके पिता नौकरी की तलाश में अपना गांव छोड़कर लगभग 20 साल पहले लखनऊ आ गए थे। बता दें कि निधि एक आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े परिवार से हैं। शायद यही एक ऐसा कारण है, जो उन्हें उनके लक्ष्यों के प्रति अधिक केंद्रित और समर्पित करता है।
बनना चाहती हैं मज़बूत और आत्मविश्वासी महिला
HT में छ़पी एक खबर के अनुसार निधि का कहना है कि उसने अपनी पारिवारिक स्थिति देखी और वह हमेशा से ही इसको बदलना चाहती थी। साथ ही उसका कहना है कि वह एक स्वतंत्र, मज़बूत और आत्मविश्वासी महिला बनना चाहती हैं, जो समाज में बदलाव लाने और ज़रूरतमंदों की मदद करने वाली हो। निधि ने अपने जीवन में कई सारी चुनौतियों का सामना किया है। उन कठिनाइंयों को पार करके, उसके परीक्षा में इतना अच्छा स्कोर किया है।
अपनी बहनों के संघर्ष से समझा शिक्षा का महत्व
निधि की दो बहनें हैं और जब वह 10वीं में थीं, तब उसकी बहनों की शादी हो गई थी। उसकी दोनों बहनों ने ही निधि की स्कूली शिक्षा पूरी कराई और उसके जीवन को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित किया। निधि का कहना है कि उसकी बहनों का संघर्ष एक ऐसा कारण हैं, जिसने उन्हें शिक्षा के महत्व और जल्दी शादी की बाधाओं को समझाया है। वे सभी समस्याओं से बचना चाहता थीं, जिसका एकमात्र साधन अच्छी शिक्षा थी।