NCERT का सुझाव, 9वीं से 11वीं के अंकों को 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों में शामिल करें
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लिए नया मूल्यांकन ढांचा प्रस्तावित किया है। 'शिक्षा बोर्डों में समानता स्थापित करना' शीर्षक से सामने आई रिपोर्ट में परिषद ने 9वीं से 11वीं तक के अंकों को 12वीं बोर्ड की परीक्षा परिणामों में शामिल करने का सुझाव दिया है। प्रस्ताव के मुताबिक, कक्षा 9 से आगे के छात्रों का प्रदर्शन उनके कक्षा 12 के बोर्ड के परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा।
किस तरह समायोजित किए जाएंगे अंक
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कक्षा 9 से अंतिम स्कोर का 15 प्रतिशत, कक्षा 10 से 20 प्रतिशत, कक्षा 11 से 25 प्रतिशत और कक्षा 12 से शेष 40 प्रतिशत अंक लिया जाएगा। इसके बाद इन्हें कक्षा 12 के लिए मूल्यांकन को रचनात्मक और योगात्मक मूल्यांकन में विभाजित किया जाएगा। रचनात्मक मूल्यांकन के अंतर्गत आत्म-चिंतन, छात्र पोर्टफोलियो, शिक्षक मूल्यांकन, परियोजना कार्य और समूह चर्चा शामिल होगी, जबकि योगात्मक मूल्यांकन पारंपरिक परीक्षाओं पर केंद्रित होगी।
व्यावसायिक और कौशल आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया
NCERT ने रिपोर्ट में बताया गया है कि इसे नियामक संस्था परख द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसका उद्देश्य सभी भारतीय शिक्षा बोर्डों में मूल्यांकन को मानकीकृत करना है। रिपोर्ट में व्यावसायिक और कौशल आधारित विषयों को अनिवार्य बनाने के महत्व पर भी रोशनी डाली गई है। सुझाए गए विषयों में डेटा प्रबंधन, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संगीत, कला और शिल्प शामिल हैं, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भी जुड़े हुए हैं।