विश्व साक्षरता दिवस: जानिए इसका इतिहास, उद्देश्य और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
साक्षर होना और अपने अधिकारों से परिचित होना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
इसे लेकर 8 सितंबर को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
यह दिन जनता की गरिमा और मानव अधिकारों के मामले में साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देता है।
इस दिन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
आइए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के बारे में जानते हैं।
इतिहास
कब हुई साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत?
साल 1966 में यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन के 14वें सत्र के दौरान साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया गया था।
हालांकि, 8 सितंबर, 1967 में पहली बार साक्षरता दिवस मनाया गया और तब से हर साल ये दिवस मनाया जाता है।
दुनियाभर में लगातार प्रगति के बावजूद साक्षरता चुनौतियां बनी हुई हैं। यूनेस्को की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, साल 2020 में लगभग 763 मिलियन युवाओं के पास बुनियादी साक्षरता कौशल की कमी है।
थीम
इस बार की थीम क्या है?
इस साल वैश्विक स्तर पर पेरिस में व्यक्तिगत और ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
इस सम्मेलन में यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार से विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
इस साल कार्यक्रम की थीम 'परिवर्तनशील दुनिया के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना, टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों के लिए नींव का निर्माण करना' है।
इस बार का साक्षरता दिवस शिक्षा और आजीवन सीखने पर सतत विकास लक्ष्य 4 की प्राप्ति की दिशा में तेजी लाने का काम करेगा।
पहल
साक्षरता बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने कौनसी पहल चलाई?
देश में साक्षरता बढ़ाने के लिए भारत में न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई गई।
इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान, पढ़ो भारत बढ़ो भारत, एकलव्य मॉडल स्कूल और राजीव गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप योजना, कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के जरिए शिक्षा के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डिजिटल साक्षरता के लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन जैसे कार्यक्रम चलाए हैं।
आंकड़े
क्या कहते हैं भारत में साक्षरता के आंकड़ें?
साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता का स्तर मापा जाता है।
इसके मुताबिक, भारत में कुल साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है, इसमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 फीसदी और महिलाओं 65.46 फीसदी है।
हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है।
केरल भारत का सबसे अधिक साक्षर राज्य है। नई शिक्षा नीति में अगले 1 दशक में 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
साक्षरता दर आम तौर पर किसी देश की व्यस्क साक्षर जनसंख्या का अनुपात होता है। महिला और पुरुष वर्गों के लिए अलग-अलग साक्षरता अनुपात निकाले जाते हैं। साक्षरता दर निकालने के लिए देश भर में विभिन्न आयु वर्गों का सर्वे होता है।