जानिए रेलवे परीक्षा से जुड़े वो मिथक, जिनसे दूर रहना उम्मीदवारों के लिए है जरूरी
क्या है खबर?
सिविल सेवा परीक्षा, राज्य सेवा परीक्षा, बैंक परीक्षा के साथ रेलवे परीक्षा भी सरकारी नौकरी के लिए एक लोकप्रिय परीक्षा है।
ये परीक्षा करियर में उन्नति के लिए उत्कृष्ट अवसर देती है, ऐसे में भारत में हर साल लाखों की संख्या में छात्र रेलवे परीक्षा में शामिल होते हैं।
वर्तमान में रेलवे परीक्षा से जुड़े कई मिथक प्रचलित हैं, जो उम्मीदवारों को परेशान करते हैं।
आइए जानते है कुछ प्रचलित मिथक और उनकी सच्चाई।
मिथक
लंबे समय तक और बहुत सारी किताबों से पढ़ना है जरूरी
कहा जाता है कि रेलवे परीक्षा में सफल होने के लिए लंबी अवधि तक अध्ययन करना और बहुत सारी किताबें पढ़ना आवश्यक है, लेकिन ये सही नहीं है।
उम्मीदवार नियमित रूप से 6 से 8 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करके भी सफल हो सकते हैं।
रेलवे परीक्षा के लिए बहुत सारी किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं है, केवल पाठ्यक्रम के अनुसार 2 से 3 किताबें पढ़ें।
किताबों की संख्या से ज्यादा सीमित अध्ययन सामग्री के रिवीजन पर ध्यान देना जरूरी है।
प्रश्न
प्रश्न दोहराए नहीं जाते
रेलवे परीक्षाओं से जुड़ा आम मिथक ये भी है कि परीक्षाओं में कोई प्रश्न दोहराए नहीं जाते और मॉक टेस्ट देना भी उपयोगी नहीं है।
ये दोनों ही बातें गलत है। अगर आप पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि कई प्रश्न दोहराए जाते हैं।
अगर आप किताबों से तैयारी करते रहेंगे और मॉक टेस्ट को नजरअंदाज करेंगे तो ये हानिकारक साबित होगा।
रेलवे परीक्षा की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट वास्तव में सहायक होते हैं।
टॉपर्स
केवल टॉपर्स ही पास हो सकते हैं
रेलवे परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को इस अनावश्यक सोच में नहीं फंसना चाहिए कि केवल टॉपर्स ही परीक्षा पास कर सकते हैं।
रेलवे परीक्षा के परिणामों पर नजर डालें तो कई छात्र जो स्कूल के समय पढ़ाई में कमजोर थे, उन्होंने परीक्षा में सफलता पाई है।
परीक्षा आपके स्कूल या कॉलेज के प्रदर्शन को नहीं बल्कि आपकी तैयारी के स्तर को आंकती है।
ऐसे में अच्छी तरह मेहनत करके पढ़ाई करें, सफलता जरूरी मिलेगी।
सामान्य
कोचिंग जरूरी है
रेलवे परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्येक उम्मीदवारों के लिए कोचिंग कक्षाओं में शामिल होना जरूरी नहीं है।
कुछ उम्मीदवारों के लिए कोचिंग मददगार साबित हो सकती है तो कुछ उम्मीदवार बिना कोचिंग के ही परीक्षा में सफल हो जाते हैं।
कोचिंग की आवश्यकता आपके पढ़ाई के स्तर और तरीके पर निर्भर करती है।
आज के समय में अध्ययन करने के लिए कई सारे संस्थान और विकल्प इंटरनेट पर मौजूद हैं, आप इनकी मदद ले सकते हैं।
रेलवे
सामान्य जागरुकता कम महत्वपूर्ण हैं
रेलवे परीक्षा से जुड़ा एक आम मिथक ये है कि सामान्य जागरुकता महत्वपूर्ण विषय नहीं है, ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे अधिकतम उम्मीदवार केवल अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
अगर आप भी ऐसा करेंगे तो परीक्षा में सफलता की संभावना कम होगी। उम्मीदवारों को सामान्य जागरूकता अनुभाग के साथ पाठ्यक्रम के सभी विषयों को समान महत्व देना चाहिए। अगर आप अंग्रेजी भाषा में कमजोर हैं तो अन्य विषयों पर पकड़ मजबूत करें।