UPSC: राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय की तैयारी कैसे करें?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा के साथ-साथ मुख्य परीक्षा की तैयारी भी करते रहना चाहिए। मुख्य परीक्षा के लिए राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) UPSC के लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों में से एक है क्योंकि इस विषय के पाठ्यक्रम में सामान्य अध्ययन (GS) पाठ्यक्रम का एक बड़ा भाग होता है। अगर आप इस विषय को लेकर तैयारी करना चाहते हैं तो हम आपको इससे जुड़ी जरूरी बाते बताएंगे।
राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध का सिलेबस क्या है?
UPSC की तैयारी से पहले हमें सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि उस परीक्षा का सिलेबस क्या है। UPSC की मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के लिए दो पेपर आयोजित किए जाते हैं। दोनों पेपर के सिलेबस को दो भाग में बांटा गया है:- पेपर-1: (खंड क) राजनीतिक सिद्धांत और भारतीय राजनीति; (खंड ख) भारत सरकार और राजनीति। पेपर-1: (खंड क) तुलनात्मक राजनीतिक विश्लेषण और अंतरराष्ट्रीय राजनीति; (खंड ख) भारत और विश्व।
NCERT की किताबों से शुरू करें तैयारी
मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए आप हमेशा ध्यान रखें कि आपकी विषय को लेकर बेसिक समझ अच्छी हो। इसके लिए आप पहले कक्षा 6 से लेकर 12 तक की राजनीतिक विज्ञान से संबंधित सभी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबें पढ़ें। इसके लिए कक्षा 9 की भारत और समकालीन विश्व-I, कक्षा 10 की भारत और समकालीन विश्व-II, कक्षा 11 की राजनीतिक सिद्धांत और कक्षा 12 की स्वतंत्र भारत में राजनीति जरूर पढ़नी चाहिए।
राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध की तैयारी के लिए मुख्य किताबें कौनसी हैं?
राजनीतिक सिद्धांत: वेस्टर्न पॉलिटिकल थॉट खंड ख: भारत सरकार और राजनीति: ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ माडर्न इंडिया स्पेक्ट्रम भारतीय संविधान: डी डी बासु की इंडियन कांस्टीट्यूशन भारतीय राजनीति: द ऑक्सफोर्ड कंपेनियन टु पॉलिटिक्स इन इंडिया भारतीय विचारक: भारतीय राजनीतिक चिंतन के आधार तुलनात्मक राजनीति: कम्परेटिव पॉलिटिक्स अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सिद्धांत: ग्लोबलाइजेशन ऑफ वर्ल्ड पॉलिटिक्स विश्व के राजनीतिक मुद्दे: ग्लोबल पॉलिटिक्स भारत और विश्व: द ऑक्सफोर्ड हैंडबुक ऑफ इंडियन फॉरेन पॉलिसी
करंट अफेयर्स की निरंतर तैयारी है जरूरी
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए पुस्तकों के साथ-साथ करंट अफेयर्स की भी निरंतर तैयारी की आवश्यकता होती है। समसामयिक घटनाओं को सिद्धांतों के साथ समझना और इनका आपसी संबंध जोड़ना आवश्यक है। इसके अलावा एक 'वर्ल्ड फोकस' नाम की समसामयिक पत्रिका का भी नियमित अध्ययन किया जाना इस विषय की तैयारी में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, हिंदी और अंग्रेजी भाषा के एक-एक अखबार का नियमित अध्ययन भी उपयोगी हो सकता है।
पुराने प्रश्नपत्रों से तैयारी करना भी है जरूरी
उम्मीदवारों को मुद्दों की प्रकृति और इस विषय की गहराई को समझने के लिए इस वैकल्पिक विषय के कम से कम पिछले तीन वर्षों के प्रश्नपत्रों को पढ़ने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा बाजार में उपलब्ध विभिन्न मॉडल टेस्ट पेपर से भी नियमित रूप से तैयारी करते रहना चाहिए। इससे आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि आपको वैकल्पिक विषय में कितना और कब तक समय देने की आवश्यकता है।