फुलटाइम के मुकाबले लर्निंग पाठ्यक्रमों की बढ़ रही लोकप्रियता, जानिए मल्टीनेशनल कंपनियों की क्या है मांग
क्या है खबर?
भारत में ऐसे लोगों की संख्या बेहद कम है जो स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद रेगुलर पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा अर्जित कर पाते हैं।
पिछले तीन दशकों में दूरस्थ शिक्षा (Distance Education) से ऐसे बहुत लोगों की मदद हुई जो 12वीं के बाद सीधे काम करने लगे। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ हुनर भी सीखा।
हालांकि मौजूदा समय में सीधे नौकरी से जुड़े एकीकृत लर्निंग प्रोग्राम्स के आने से लोगों के लिए नए रास्ते खुले हैं।
कौशल
कौशल विकास में मददगार साबित होते हैं लर्निंग कार्यक्रम
यह एकीकृत लर्निंग कार्यक्रम ऐसे हैं जो नौकरीपेशा लोगों को न सिर्फ स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं, बल्कि इन कार्यक्रमों की मदद से लोग अपने खाली समय में या छुट्टी के दौरान अपने हुनर को बेहतर करने का भी काम कर सकते हैं।
ये पाठ्यक्रम ऐसे लोगों के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं जो अभी तक सिर्फ रेगुलर पाठ्यक्रम से ही शिक्षा हासिल करने का विचार रखते थे।
महत्व
गूगल और अमेजन जैसी कंपनियां दे रहीं कार्य-एकीकृत शिक्षण कार्यक्रमों को महत्व
मौजूदा समय में जिस तरह से उत्पादों और सेवाओं से जुड़ी तकनीकों में बदलाव हो रहा है, उसे देखते हुए कर्मचारियों को हुनर अपग्रेड करने की जरूरत है। एक सफल प्रोफेशनल अपने हुनर को लगातार बेहतर करता रहता है ताकि वह अपने काम को कम समय में पूरा कर ले।
इसे देखते हुए मल्टीनेशनल कंपनियां गूगल और अमेजन जैसी कंपनियां भी कार्य-एकीकृत शिक्षण कार्यक्रमों के विकास को महत्व दे रही हैं और ऐसे पाठ्यक्रम वाले उम्मीदवारों वरीयता देती हैं।
पेशेवर पहचान
कार्य-एकीकृत कार्यक्रमों से पेशेवर पहचान बनाने में मिलती है मदद
हाल ही में किए गए एक शोध में पता चला है कि कार्य-एकीकृत शिक्षण कार्यक्रमों से प्राप्त अनुभव से छात्रों को एक पेशेवर पहचान बनाने में मदद मिलती है।
इससे उन्हें उद्योग की विभिन्न भूमिकाओं में कार्य कर रहे सहयोगियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद मिलती है।
इसके साथ ही वह कार्यस्थल का माहौल और किसी उद्योग के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों के बारे में जागरूकता भी विकसित करते हैं।
ध्यान
एकीकृत कार्यक्रम का चुनाव करने से पहले ध्यान रखें यह बात
लर्निंग कार्यक्रम नियमित पाठ्यक्रमों की तुलना में कहीं बेहतर हैं क्योंकि छात्रों को अपनी अकादमिक शिक्षा को वास्तविक दुनिया में लागू करने का मौका मिलता है।
कोई भी व्यक्ति जो इन कार्यक्रमों में शामिल होने पर विचार कर रहा है, वह इन कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले कार्यक्रम के पूर्व छात्रों की जांच कर ले और हो सके तो उनसे बात भी कर ले।
ऐसा करने से उसे कार्यक्रम का चयन करने में आसानी होगी।