कोरोना महामारी के कारण भारत समेत निम्न-मध्य आय वाले 65 प्रतिशत देशों ने घटाया शिक्षा बजट
क्या है खबर?
बाकी क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र पर भी कोरोना वायरस महामारी का असर दिख रहा है। हाल ही में आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत समेत निम्न और निम्न-मध्य-आय वाले 65 प्रतिशत देशों ने कोरोना महामारी के चलते अपने शिक्षा के बजट में कटौती की है।
वहीं उच्च और उच्च-मध्य-आय वाले केवल 33 प्रतिशत देशों में ऐसी कटौती देखने को मिली है।
विश्व बैंक रिपोर्ट
सैंपल के तौर पर 29 देशों से जुटाई गई जानकारी
ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के साथ मिलकर तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न और निम्न-मध्य आय वाले देशों में सरकार का खर्च सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी स्तर से कम है।
बतौर रिपोर्ट, महामारी का शिक्षा के बजट पर अल्पकालिक असर समझने के लिए 29 देशों से सैंपल के तौर पर सूचना इकट्ठा की गई थी। ये सैंपल स्कूल और यूनिवर्सिटी जाने वाली 54 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कोरोना महामारी
इन देशों में शिक्षा बजट पर पड़ा असर
विश्व बैंक ने निम्न आय वाले देशों का अनुमान लगाने के लिए अफगानिस्तान, इथोपिया और उगांडा देशों से सूचना जुटाई थी।
इसी तरह निम्न-मध्य आय वाले देशों के लिए बांग्लादेश, इजिप्ट, भारत, केन्या, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलिपींस, तंजानिया और यूक्रेन समेत 14 देशों से जानकारी ली गई।
वहीं उच्च-मध्य आय वाले देशों के लिए अर्जेंटीना, ब्राजील, कोलंबिया, जॉर्डन, इंडोनेशिया, मेक्सिको, पेरू, तुर्की, कजाकिस्तान और रूस समेत 10 देशों से सूचना मांगी गई थी।
शिक्षा का बजट
भारत समेत कई देशों में शिक्षा पर 10 प्रतिशत से कम खर्च
अमीर देशों में शिक्षा के बजट पर महामारी के असर को परखने के लिए पनामा और चिली से जानकारी ली गई। इन सैंपलों के आधार पर उस श्रेणी के बाकी देशों का अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्जेंटीना, भारत, ब्राजील, म्यांमार, नाइजीरिया, रूस और पाकिस्तान में सरकारी बजट का 10 प्रतिशत से कम हिस्सा शिक्षा पर जा रहा है। इसलिए यहां बजट के अलावा आर्थिक सहायता के लिए कोई दूसरा स्त्रोत हो सकता है।
रिपोर्ट
बढ़ाने की बजाय कम हुई शिक्षा पर फंडिंग- रिपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि अब स्कूलों को सुरक्षित रूप से दोबारा खुलने, संक्रमण को काबू करने के लिए उठाये जाने वाले कदमों और छात्रों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त खर्च की जरूरत थी।
इसमें आगे कहा गया है कि स्कूलों को सुरक्षित तरीके से खोलने के लिए फंडिंग की तत्काल आवश्कता के बावजूद आधे देशों ने अपने फंडिंग कम कर दी। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है, जब हालत खराब हो सकते हैं।
जानकारी
गरीब देशों के परिवार शिक्षा पर खर्च रहे ज्यादा पैसे
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमीर देशों की तुलना में गरीब और मध्यम आय वाले देशों के परिवार अपने बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं। इन देशों में शिक्षा पर परिवारों का खर्च अमीर देशों की तुलना में ज्यादा है।
कोरोना वायरस
दुनियाभर में 11.38 करोड़ लोगों को चपेट में ले चुकी महामारी
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 11.38 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 25.26 लाख लोगों की मौत हुई है।
सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 2.85 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 5.12 लाख लोगों की मौत हुई है। संक्रमितों की संख्या के मामले में केवल अमेरिका भारत से आगे है।
दूसरे नंबर पर काबिज भारत में 1.11 करोड़ संक्रमितों में से 1.57 लाख की मौत हुई है।