दिल्ली हाई कोर्ट ने UPSC मुख्य परीक्षा के आवेदन पर रोक लगाने से किया इनकार
दिल्ली हाई कोर्ट ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के आवेदन पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया सतत चलती रहेगी। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों ने विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) 1 की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
क्या था याचिकाकर्ताओं का तर्क?
याचिकाकर्ताओं के वकील ने हाई कोर्ट में मुख्य परीक्षा के आवेदन पर रोक लगाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि आवेदन पर रोक न लगाने से उनकी प्रारंभिक दौर की परीक्षा के परिणाम से संबंधित याचिका निरर्थक हो जाएगी। याचिका में कहा गया कि उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया में आयोग की मनमानी से परेशान हैं और आवेदन रद्द करने की मांग प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी की मांग करने वाले असफल उम्मीदवारों की याचिका का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
क्यों नाराज हैं अभ्यर्थी?
परीक्षार्थी आयोग द्वारा उत्तर कुंजी जारी नहीं करने से नाराज है। उनका कहना है कि बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा संपन्न होने के 1 सप्ताह के अंदर उत्तर कुंजी जारी कर दी जाती है। NEET, JEE, राज्य सेवा परीक्षा में भी ऐसा होता है, लेकिन आयोग परीक्षा की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी करता है। ऐसे में उम्मीदवार अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन नहीं कर पाते और न ही आपत्ति दर्ज करा पाते।
मुख्य परीक्षा के लिए कब से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया?
प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए DAF 1 फॉर्म भरना जरूरी होता है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 10 जुलाई से शुरू हो गई और फॉर्म भरने के लिए उम्मीदवारों को 19 जुलाई शाम 6 बजे तक समय दिया गया है। इस साल प्रारंभिक परीक्षा में कुल 14,624 उम्मीदवार सफल हुए हैं। ये उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
इस बार कितने पद भरे जाएंगे?
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार इस बार कुल 1,105 पदों को भरा जाएगा। इसमें IAS अधिकारी के 180 पद, IPS अधिकारी के 200 पद और IRS अधिकारी के 109 पद है। 1,105 पदों में से सामान्य वर्ग के लिए 463 पद और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 110 पद हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 293 पद, अनुसूचित जाति (SC) के लिए 160 पद, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 79 पद आरक्षित हैं।