Page Loader
बोर्ड परीक्षाओं में समानता लाने के लिए केंद्र सरकार ने बनाई योजना, मूल्यांकन में होगा बदलाव
राज्य और केंद्र के बोर्डों में 'एकरूपता' लाने के लिए केंद्र सरकार 'बेंचमार्क ढांचा' तैयार करने की योजना बना रही है

बोर्ड परीक्षाओं में समानता लाने के लिए केंद्र सरकार ने बनाई योजना, मूल्यांकन में होगा बदलाव

लेखन तौसीफ
Aug 31, 2022
06:05 pm

क्या है खबर?

राज्य और केंद्र के शिक्षा बोर्डों में 'एकरूपता' लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर छात्रों का मूल्यांकन करने के लिए एक 'बेंचमार्क ढांचा' तैयार करने की योजना बनाई है। वर्तमान में CBSE, CISCE और अन्य राज्य के बोर्ड छात्रों का मूल्यांकन के लिए अलग-अलग मानकों का पालन करते हैं। इससे छात्रों के स्कोर में बड़ा अंतर आता है और उनका एक समान स्तर पर मूल्यांकन नहीं हो पाता है।

परख

'परख' NCERT की एक इकाई के रूप में करेगा काम

पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इस योजना को लागू करने में एक आम सहमति पर पहुंचने के लिए राज्य बोर्डों और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं। इसके तहत अब एक नया मूल्यांकन नियामक स्थापित किया जा रहा है जिसका नाम 'परख' (परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट) होगा और यह NCERT की एक इकाई के रूप में काम करेगा।

NEP

NEP के प्रस्ताव का ही हिस्सा है 'परख'

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, परख को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) और राज्य उपलब्धि सर्वेक्षण जैसे शिक्षण परिणाम के टेस्ट आयोजित करने का भी काम सौंपा जाएगा। यह बेंचमार्क मूल्यांकन ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत काम करेगा जिसमें छात्रों को रटने पर जोर देने पर रोक लगाने का भी सुझाव दिया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि 'परख' भी NEP के प्रस्ताव का ही हिस्सा है।

समर्थन

अधिकांश राज्यों ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने के प्रस्ताव का किया समर्थन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चर्चा के दौरान अधिकांश राज्यों ने वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने के NEP के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसमें छात्रों को उनके स्कोर में सुधार करने में मदद करने के लिए एक परीक्षा भी शामिल है। इसके अलावा गणित में दो तरह के प्रश्न पत्र (एक मानक परीक्षा और दूसरा पेपर उच्च स्तर की योग्यता का परीक्षण करने के लिए) के प्रस्ताव पर भी राज्य सहमत हैं।

फायदा

गणित में दो तरह के प्रश्न पत्र से क्या फायदा होगा?

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि दो तरह के प्रश्न पत्र से बच्चों में गणित का डर कम हो सकेगा और वो सीखने के लिए प्रोस्ताहित होंगे। उन्होंने आगे कहा, "हमने NEP प्रस्तावों पर एक साउंडिंग बोर्ड के रूप में बैठकों का इस्तेमाल किया। इसमें अधिकांश विषयों के लिए प्रश्न पत्रों के दो सेट थे, एक बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) और दूसरा लिखित। इसमें मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक थी।"

स्थापना

'परख' की स्थापना से क्या-क्या फायदे होंगे?

NCERT में 'परख' स्थापित करने के लिए सलाहकारों से 12 अगस्त को वैश्विक बोलियां आमंत्रित की गई थीं। इसके दस्तावेज के अनुसार, "परख स्कूल बोर्डों को 21वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने मूल्यांकन पैटर्न को बदलने में मदद करेगा, नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के बारे में स्कूल बोर्डों को सलाह देगा, स्कूल बोर्डों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा और सभी स्कूल बोर्डों में छात्रों के बीच शैक्षणिक मानकों की समानता सुनिश्चित करेगा।"