SBI में PPF अकाउंट खोलने का क्या है प्रोसेस? जानें सब कुछ
क्या है खबर?
मौजूदा समय में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सबसे लोकप्रिय टैक्स-सेविंग स्कीम्स में से एक है। इस स्कीम में आप अपनी बचत का निवेश कर अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
ये स्कीम केंद्र सरकार की तरफ से होती है, जिसमें सुरक्षा की पूरी गांरटी होती है।
आपको बता दें कि डाकघर के अलावा आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में भी PPF अकाउंट खोल सकते हैं।
आइए जानें SBI में PPF अकाउंट खोलने का क्या प्रोसेस है।
ब्याज
PPF अकाउंट के फायदे
PPF अकाउंट्स के लिए केंद्र सरकार हर तिमाही ब्याज दर में बदलाव करती है। मौजूदा समय में PPF अकाउंट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है, जिसे सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है।
बहुत से बैंक ऐसे हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तुलना में PPF पर ग्राहकों को ज्यादा ब्याज दे रहे हैं।
आपको बता दें कि PPF में लंबी अवधि का निवेश चक्रवृद्धि ब्याज को बढ़ाता है और इसमें ब्याज पर ब्याज जुड़ता जाता है।
दस्तावेज
दस्तावेजों के साथ इन बातों पर दें ध्यान
SBI में PPF अकाउंट खोलने से पहले कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए इन दस्तावेजों को तैयार कर लें:-
नामांकन फॉर्म
पासपोर्ट साइज फोटो
पैन नंबर
पहचान पत्र के रूप में आप आधार कार्ड, वोटर ID कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा SBI में बैंक अकाउंट होने के साथ ऑनलाइन बैंकिंग करने में भी सक्षम होना चाहिए।
आपका आधार नंबर बैंक के खाते के साथ लिंक होना चाहिए।
प्रक्रिया
SBI में इस तरह खोलें PPF अकाउंट
SBI नेट बैंकिंग पोर्टल www.onlinesbi.com पर जाएं और लॉग इन करें।
रिक्वेस्ट एंड इंक्वायर्स टैब पर जाकर न्यू PPF अकाउंट विकल्प को चुनें।
अब नाम, पैन कार्ड और एड्रेस के साथ बैंक का शाखा कोड डालें।
जानकारियों को दर्ज करने के बाद सबमिट कर दें।
पूरी प्रक्रिया के बाद आपके मोबाइल पर एक OTP आएगा, उसे भरें।
अब फॉर्म का प्रिंट निकाल लें।
30 दिनों के अंदर इस फॉर्म के साथ बैंक की शाखा पर जाएं और KYC प्रक्रिया कराएं।
फायदा
SBI में PPF अकाउंट के नियम
एक साल में आप न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं।
यहां पर आप एकमुश्त रकम या 12 किस्तों में पैसा जमा कर सकते हैं।
अकाउंट में एक या अधिक नामांकित व्यक्ति को जोड़ सकते हैं।
अकाउंट की टेन्योर अवधि 15 साल है, ग्राहक चाहे तो अवधि को पांच साल के एक या अधिक ब्लॉक तक बढ़ा सकते हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 88 के तहत टैक्स छूट मिलती है।