
तांबे पर ट्रंप के टैरिफ से भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग पर पड़ सकता है असर
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में तांबे के उत्पादों के आयात पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। अब इस फैसले का असर भारत के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, तांबा चिप वायरिंग, PCB और बिजली प्रणालियों के लिए जरूरी होता है। ऐसे में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आने से इन उद्योगों की लागत और चुनौतियां दोनों बढ़ सकती हैं।
उत्पादन
घरेलू उत्पादन मांग के अनुसार नहीं हो पा रहा
IESA और सेमी इंडिया के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हिंडाल्को, स्टरलाइट और हिंदुस्तान कॉपर जैसी कंपनियां तांबे का उत्पादन करती हैं, लेकिन सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए आवश्यक शुद्धता और मात्रा में आपूर्ति अभी संभव नहीं है। खासतौर पर सोने की परत चढ़े तांबे जैसे उत्पादों के आयात में पहले से ही दिक्कतें हैं। अब अमेरिकी शुल्क लागू होने से यह संकट और बढ़ सकता है और उत्पादन महंगा हो जाएगा।
निर्यात
निर्यात को भी मिल सकता है झटका
2024-25 में भारत ने 2 अरब डॉलर (लगभग 170 अरब रुपये) मूल्य का तांबा और उससे जुड़े उत्पाद निर्यात किए, जिसमें अमेरिका का हिस्सा 36 करोड़ डॉलर यानी लगभग 17 प्रतिशत रहा। अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, ऐसे में वहां शुल्क लगने से न केवल भारत का आयात बल्कि निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों ने सरकार से आयात प्रक्रिया को सरल बनाने और घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की मांग की है।