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ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार सौदे पर भरोसा जताया, कहा- कम टैरिफ पर समझौता करने जा रहे
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका और भारत के बीच व्यापार सौदे को लेकर आश्वस्त हैं

ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार सौदे पर भरोसा जताया, कहा- कम टैरिफ पर समझौता करने जा रहे

लेखन गजेंद्र
Jul 02, 2025
09:26 am

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से साथ किए जा रहे व्यापार समझौते पर भरोसा जताया और कहा कि समझौते में बहुत कम टैरिफ शामिल होगा, जिससे दोनों देशों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी। द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि हम भारत के साथ एक समझौता करने जा रहे हैं। यह एक अलग तरह का समझौता होगा। यह एक ऐसा समझौता होगा जिसमें हम शामिल होकर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।"

बयान

बहुत कम टैरिफ वाला समझौता करेंगे- ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा कि अभी भारत किसी को भी स्वीकार नहीं करता, लेकिन लगता है कि भारत ऐसा करने जा रहा है और अगर वे ऐसा करते हैं, तो दोनों बहुत कम टैरिफ वाला समझौता करने जा रहे हैं। बता दें, भारत-अमेरिका के बीच व्यापार सौदे की बात अंतिम चरण में पहुंच गई है, जिसकी घोषणा 8 जुलाई तक हो सकती है क्योंकि 9 जुलाई को अमेरिका द्वारा दी गई टैरिफ राहत की समयसीमा समाप्त हो रही है।

व्यापार

इन मुद्दों पर बननी है सहमति

अमेरिका चाहता है कि वह प्रस्तावित व्यापार समझौते में कुछ औद्योगिक वस्तुओं, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी और कृषि उत्पादों जैसे सेब, वृक्ष गिरी, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत मिले। वहीं, भारत कपड़ा, रत्न, आभूषण, चमड़ा का सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर, केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए छूट चाहता है। भारत अमेरिका को कृषि-डेयरी क्षेत्र में शुल्क रियायत नहीं देना चाहता क्योंकि डेयरी किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में नहीं खोला गया है।

बात

नहीं बनी बात तो लागू होगा 26 प्रतिशत टैरिफ

ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त पारस्परिक टैरिफ लगाया था, बाद में इसे 90 दिन के लिए रोक दिया। हालांकि, 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लागू है। भारत 26 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ से छूट चाहता है। दोनों देश BTA की पहले चरण की बातचीत सितंबर-अक्टूबर तक पूरी करना चाहते हैं, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 19,100 करोड़ डॉलर से 50,000 करोड़ डॉलर करना हैं। समझौता नहीं हुआ, तो 26 प्रतिशत टैरिफ लागू होगा।