
सेंसेक्स 2 दिनों में 1,200 अंक लुढ़का, क्या है शेयर बाजार में मंदी की वजह?
क्या है खबर?
भारतीय शेयर बाजार में आज (25 जुलाई) लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन बाजार खुलने के कुछ ही देर बाद सेंसेक्स करीब 600 अंक गिरकर 81,540 तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी करीब 1 प्रतिशत टूटकर 24,844 पर आ गया। मिडकैप इंडेक्स में 1 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। सुबह 10:45 बजे सेंसेक्स 561 अंक नीचे और निफ्टी 196 अंक गिरकर कारोबार कर रहा था।?
नुकसान
सिर्फ 2 दिन में 7 लाख करोड़ डूबे
केवल 2 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 1,200 अंक और निफ्टी 1.5 प्रतिशत तक गिर चुका है। इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 23 जुलाई को 460.35 लाख करोड़ रुपये था, जो अब गिरकर 453 लाख करोड़ रुपये रह गया है। अकेले शुक्रवार को ही 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिट गई, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।
वजह
व्यापार समझौते में देरी और FPI की बिकवाली
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिका की कृषि और GM उत्पादों को लेकर शर्तें भारत के लिए चुनौती बनी हुई हैं। दूसरी ओर, विदेशी निवेशकों ने जुलाई में अब तक 28,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है। बीते 4 दिनों में ही उन्होंने करीब 11,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इससे बाजार में दबाव और अनिश्चितता बढ़ गई है।
तिमाही नतीजे
कमजोर तिमाही नतीजे और ऊंचे मूल्यांकन का डर
पहली तिमाही के कमजोर नतीजों ने भी बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाला है। IT और वित्तीय क्षेत्र में उम्मीद से कम प्रदर्शन हुआ है, जिससे निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही, बाजार के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर भी निवेशकों में डर बना हुआ है। छोटे और मिडकैप शेयरों में तेजी के कारण अब विशेषज्ञ इन्हें अधिक महंगा और जोखिमपूर्ण मान रहे हैं और गिरावट की आशंका जता रहे हैं।
अन्य
तकनीकी दबाव और निफ्टी के अहम स्तर टूटे
तकनीकी रूप से भी बाजार में कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। निफ्टी 25,000 के अहम समर्थन स्तर से नीचे फिसल गया है, जिससे आगे और गिरावट की आशंका है। शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब तक निफ्टी 25,340 से ऊपर बंद नहीं होता, तब तक मंदी का दौर रह सकता है। अगर सूचकांक 24,800 से नीचे गया, तो यह सीधे 24,000 तक भी जा सकता है।