बिपरजॉय चक्रवात: क्या आपका बीमा घर, कार को तूफान के नुकसान से कवरेज देता है?
बिपरजॉय चक्रवात के संभावित लैंडफॉल से पहले देश के पश्चिमी राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। तेजी से बढ़ता ये तूफान जीवन और संपत्तियों के साथ ही लोगों के वाहनों के लिए भी बड़ा खतरा है। चक्रवाती तूफान और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय तो लोग जान बचाने में लगे रहते हैं, लेकिन बच गए तो गाड़ी, मकान सब तबाह हो गया होता है। ऐसे में मकान और मोटर बीमा जरूरी है।
3 तरह की कवरेज देता है घर का बीमा
घर का बीमा 3 तरह की दुर्घटना को कवर करता है। घर के बीमा से जुड़ी बेसिक पॉलिसी आग और चक्रवात, बाढ़ और भूकंप से सुरक्षा प्रदान करती है। बेसिकी पॉलिसी में एड-ऑन कवरेज से चोरी, प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से घर की सामग्री के नुकसान का कवरेज होता है। अन्य एड-ऑन में बीमा पॉलिसी धारक या उनके परिजनों के जान और अन्य सामान की हानि को भी कवर करती है।
जमीन की कीमत छोड़कर मकान की लागत को कवर करता है बीमा
बेसिक पॉलिसी के अलावा बाकी के कवरेज कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत आते हैं। यानी बेसिक बीमा के प्रीमियम में कुछ अधिक प्रीमियम देकर इन कवरेज को बढ़ाया जा सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि होम इंश्योरेंस की बेसिक पॉलिसी आमतौर पर जमीन की कीमत को छोड़कर मकान के निर्माण की लागत को कवर करती है। मकान निर्माण की लागत जमीन के क्षेत्र और शहर में प्रचलित निर्माण की लागत से गुणा करके निकाली जाती है।
इन लोगों के वाहन बीमा के लिए जरूरी है एड-ऑन
बात करें वाहन या मोटर बीमा की तो आमतौर पर ट्रैफिक नियमों के चलते अधिकतर लोग बीमा कराकर रखते हैं, लेकिन चक्रवात, बाढ़, आंधी और भूकंप आने वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को वाहनों की अतिरिक्त सुरक्षा के लिए योजना बनाकर रखना चाहिए। सामान्य बीमा के मुकाबले कवरेज बढ़ाने के लिए लोगों को अतिरिक्त एड-ऑन पर विचार करना चाहिए। उदाहरण के लिए इंजन प्रोटेक्शन कवर प्राकृतिक आपदा के समय इंजन की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
इंजन प्रोटेक्शन कवरेज है जरूरी
सामान्य बीमा में इंजन प्रोटेक्शन नहीं मिलता। बीमा में इंजन प्रोटेक्शन कवरेज बढ़वाने से जलभराव, बाढ़ आदि के दौरान इंजन में पानी चले जाने पर कवरेज मिलता है। इससे आप इंजन की मरम्मत में होने वाले भारी भरकम खर्च से बच सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि सामान्य बीमा में ऐड-ऑन कवर अलग से खरीदने पर उसका प्रीमियम बढ़ता है यानी सामान्य बीमा के मुकाबले एड-ऑन कवर के लिए थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
क्लेम के दौरान इस बात का रखें ध्यान
बीमा कवरेज के साथ इससे जुड़े क्लेम के बारे में भी जानना जरूरी है। दरअसल, कई मामलों में नुकसान होने के बाद भी बीमा कंपनी क्लेम देने से मना कर देती हैं। उदाहरण के लिए इंजन में पानी भर जाने पर क्लेम मिलेगा, लेकिन चक्रवात के दौरान वाहन चलाने की पुष्टि होने पर बीमा क्लेम खारिज हो सकता है। इसे लापरवाही माना जा सकता है और इंजन में पानी जाने का कारण भी वाहन चलाने को माना जा सकता है।
बीच में नहीं लिए जा सकते एड-ऑन
एक बात का ध्यान रखें कि बीमा में एड-ऑन कवरेज बीच में नहीं लिए जा सकते। इसलिए पॉलिसी रिन्यू कराते समय ही अपनी जरूरतों का ध्यान रखें और उसी हिसाब से अपने बीमा में एड-ऑन पॉलिसी जोड़ लें।
बीमा कंपनी को सूचित करना है सबसे जरूरी
किसी भी दुर्घटना की स्थिति में बीमा कंपनी को जल्दी सूचित करना महत्वपूर्ण है। बीमा कंपनी क्लेम सेटल करने से पहले नुकसान और स्थिति का आकलन करने के लिए एक सर्वेयर नियुक्त करती है। सर्वेयर के सर्वे के आधार पर ही क्लेम की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। ऐसे में दुर्घटना के दौरान वाहन को नुकसान पहुंचने पर तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करें। सर्वेयर निरीक्षण के दौरान फोटो और वीडियो प्रूफ उपलब्ध होने/कराने से क्लेम की प्रक्रिया जल्दी होगी।
जल्दी क्लेम के लिए इन बातों का रखें ध्यान
किसी आपदा के दौरान बिना किसी दिक्कत के और जल्द क्लेम पाने के लिए यह सलाह दी जाती है कि पहले ही क्लेम की पूरी प्रक्रिया को ठीक तरह से जान और समझ लें। एक छोटी-सी गलती से क्लेम खारिज किया जा सकता है।