रोजमर्रा की आर्थिक गतिविधियों को लेकर ये सबक सिखाता है कोरोना वायरस का संकट
कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप ने न सिर्फ लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाला है बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी झटका लगा है। यह मुश्किल समय है, लेकिन कहते हैं कि हर मुश्किल घड़ी इंसान को कुछ न कुछ सीखाकर जाती है। कोरोना वायरस संकट से भी हम आर्थिक मोर्चे पर काफी कुछ सीख सकते हैं। आइये, जानते हैं कि इस संकट से हम अपनी वित्तीय तैयारियों को कैसे बेहतर करना सीख सकते हैं।
ऐसा लोन न लें, जिसे चुकाया न जा सके
अगर हम समय पर लोन चुका सकें तो यह बहुत काम की चीज है। हालांकि, लोन लेने से पहले उसे चुका पाने की क्षमता का आकलन करना भी बेहद जरूरी है। कभी भी ऐसा लोन न ले, जिसे चुकाने में मुश्किलें आए। अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ आपकी जेब पर बोझ बढ़ेगा बल्कि दूसरी संपत्तियां भी जाने का खतरा रहता है। इसके साथ-साथ लोन न चुका पाने की टेंशन भी रोजमर्रा के काम को प्रभावित करती है।
हमेशा इमरजेंसी फंड तैयार रखें
मुश्किल समय कभी भी बताकर नहीं आता। इसलिए जरूरी है कि खुद को हर समय मुश्किल समय के लिए तैयार रखे। हमेशा अपनी आमदनी से एक हिस्सा बचाकर इमरजेंसी फंड में डालें। यह मुश्किल समय में आपकी मदद करेगा। उदाहरण के लिए अगर कोरोना वायरस के कारण किसी व्यक्ति की नौकरी चली जाती है और नई नौकरी मिलने में उसे थोड़ा समय लगता है तो इस बीच उसका इमरजेंसी फंड काम आ सकता है।
केवल कंपनी या नियोक्ता के हेल्थ इंश्योरेंस पर निर्भर न रहें
कोरोना वायरस के कारण कई कंपनियों अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं। अगर अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो हालात बदतर हो सकते हैं। अगर इस महामारी के समय में अगर किसी व्यक्ति की नौकरी चली जाती है तो वह कंपनी के हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा नहीं उठा पाएगा। अगर उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो उसकी जेब पर काफी बोझ बढ़ेगा। इसलिए कंपनी से अलग अपना और अपने परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस जरूर कराएं।
वसीयत तैयार करने के लिए तय उम्र का इंतजार न करें
आमतौर पर लोग अपनी वसीयत लिखने या संपत्ति के नॉमिनी की प्रक्रिया पूरी करने में देरी करते रहते हैं। अगर दुर्भाग्यवश कोरोना वायरस के कारण किसी की मौत हो जाती है और उसकी ये प्रक्रियाएं पूरी नहीं होती तो परिवार को क्लेम करने में काफी मुश्किलें आती हैं। कई बार ये प्रक्रिया कानूनी पचड़ों में फंस जाती है, जिसे पूरा होने में सालों का समय लग सकता है। इसलिए वसीयत लिखने के लिए एक तय उम्र का इतंजार न करें।
अलग-अलग क्षेत्रों में करें निवेश
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यस्था पर असर पड़ा है। रियल एस्टेट में मंदी आई है, छोटी जमा योजनाओं पर कम ब्याज मिल रहा है, लेकिन सोने पर बेहतर रिटर्न मिल रहा है। ऐसे में यह संकट यह सबक भी देता है कि हमेशा अपनी पूंजी को अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करें। अगर किसी एक क्षेत्र में संकट आता है तो दूसरा क्षेत्र उस संकट की भरपाई कर सकता है।