भारतीय अर्थव्यवस्था में इस साल होगी 6.9 प्रतिशत की वृद्धि- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। बैंक ने पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था, लेकिन अब उसने इसे बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। इसके विपरीत अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
महंगाई दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की औसत महंगाई दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान भी लगाया है। उसने यह भी कहा कि आने वाले समय में वस्तुओं की कीमतों में गिरावट महंगाई के दबाव को कम कर सकती है।
वैश्विक आर्थिक मंदी का भारत पर कम असर पड़ने की संभावना- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने दुनियाभर में आ रही आर्थिक मंदी का अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत पर कम असर पड़ने की संभावना भी जताई है। बैंक के अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने कहा, "फिलहाल हमें भारत की ऋण स्थिरता के बारे में कोई चिंता नहीं है।" उन्होंने कहा कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने उतना बुरा प्रदर्शन नहीं किया है और इस साल रुपया मात्र 10 प्रतिशत गिरा है।
विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लचीला और महत्वाकांक्षी भी बताया
शर्मा ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 10 साल पहले की तुलना में अधिक लचीली है और पिछले 10 सालों में उठाए गए कदम कठिन वैश्विक परिस्थितियों से निपटने में भारत की मदद कर रहे हैं। विश्व बैंक भारत के निदेशक अगस्ते तैनो क्वाअमे ने भी नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत बहुत महत्वाकांक्षी है और अर्थव्यवस्था को लचीला बनाने के लिए सरकार ने कई काम किए हैं।
जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही थी भारत की विकास दर
विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर ये आंकड़े ऐसे समय पर जारी किए हैं जब पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की विकास दर 6.8 से सात प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में अक्टूबर में देश में महंगाई दर 6.77 प्रतिशत रहने की जानकारी भी दी गई थी।
वैश्विक मंदी के मुहाने पर खड़ी है दुनिया, IMF ने भी जताई आशंका
गौरतलब है कि महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी घटनाओं के कारण बढ़ती महंगाई और इसे नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीतियों को कड़ी करने से दुनिया वैश्विक मंदी के मुहाने पर खड़ी है। सितंबर में जारी अपनी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी वैश्विक मंदी की आशंका व्यक्त की थी। रिपोर्ट में IMF ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आने का खतरा है।